Renowned Writer Geeta Mehta Passes Away: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की बड़ी बहन और प्रख्यात लेखिका गीता मेहता (Gita Mehta) दुनिया को अलविदा कह गई है। रिपोर्ट्स की माने तो उनका निधन वृद्धावस्था में लगने वाली बीमारी ते चलते शनिवार को दिल्ली स्थित उनके घर पर हुआ। अपने निधन के समय गीता मेहता की उम्र 80 साल थी। उनके परिवार में उनका एक बेटा है। लेखिका पति और प्रकाशक सोनी मेहता का निधन काफी समय पहले हो चुका था। गीता मेहता एक प्रख्यात लेखिका होने के साथ-साथ फिल्म निर्माता और पत्रकार थी। साथ ही वो बिजनेसमैन प्रेम पटनायक (Prem Patnaik) की बड़ी बहन थीं।
उनका जन्म साल 1943 में दिल्ली में बीजू पटनायक और ज्ञान पटनायक के घर में हुआ था। उनके निधन की खबर पर देश के प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) ने शोक जताते हुए ट्वीट किया है। गीता मेहता (Gita Mehta Passes Away) सुप्रसिद्ध लेखिका थीं और उन्होंने कई किताबें लिखी थीं।
I am saddened by the passing away of noted writer Smt. Gita Mehta Ji. She was a multifaceted personality, known for her intellect and passion towards writing as well as film making. She was also passionate about nature and water conservation. My thoughts are with @Naveen_Odisha…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2023
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: मशहूर कलाकार पान-गुटखा बेचने में बिजी…बॉलीवुड को लेकर डायरेक्टर Prakash Jha का दर्द छलका
PM Modi ने शोक जताते हुए कही ये बात
पीएम दो ने गीता मेहता (Gita Mehta) के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने श्रद्धाजंलि देते हुए लिखा ‘प्रख्यात लेखिका श्रीमती के निधन से मुझे दुख हुआ है। गीता मेहता जी। वे एक बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी थीं, जो अपनी बुद्धिमता और लेखन के साथ-साथ फिल्म निर्माण के प्रति जुनून के लिए जानी जाती थीं। उन्हें प्रकृति और जल संरक्षण का भी शौक था। मेरे संवेदनाएं आपके साथ हैं @नवीन_ओडिशा दुःख की इस घड़ी में जी और पूरा परिवार। शांति’।
दिवंगत Gita Mehta ने लिखी हैं ये मशहूर किताबें
दिवंगत राइटर गीता मेहता (Gita Mehta) ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें ‘कर्मा कोला’, ‘स्नेक एंड लैडर्स’, ‘अ रिवर सूत्र’, ‘राज’ और ‘द इटरनल गणेशा’ शामिल हैं। रिपोर्ट्स की माने तो, उनकी किताबों को 13 भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है। इतना ही नही उनकी किताबों को 27 देशों में पब्लिश किया गया है। गीता मेहता को साल 2019 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारत के पहले सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, जिसके उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।