मलयालम कॉमेडी फिल्म ‘ब्रोमांस’ इसी साल 14 फरवरी, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। लंबे इंतजार के बाद ये फिल्म 1 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर स्ट्रीम हो गई है। इस फिल्म की कहानी दो भाईयों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बेतुकी गलतफहमी की वजह से एक मुसीबत में फंस जाते हैं। यहीं से मजेदार और पागलपन वाली कहानी की शुरुआत होती है। अगर आपने इस कॉमेडी फिल्म को अभी तक नहीं देखा है, तो आज हम आपको ‘ब्रोमांस’ देखने की 5 वजह बताएंगे।
आखिरी तक नहीं होंगे बोर
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि फिल्म ‘ब्रोमांस’ की कहानी दो भाइयों बिंटो और शिंटो के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें शिंटो एक दिन अचानक गायब हो जाता है। अपने बड़े भाई को ढूंढने के लिए बिंटो हर संभव कोशिश करता है और भाई के तार जिन-जिन शख्स से जुड़े होते हैं, उन सभी को लेकर ढूंढने के लिए निकल जाता है। पूरी फिल्म इसी पर बेस्ड है लेकिन कहानी इतनी मजेदार है कि आपको आखिरी तक स्क्रीन से बांधकर रखेगी।
यह भी पढ़ें: ‘ये सिलेबस किसने तय किया..’ NCERT पर R Madhavan ने क्यों उठाए सवाल?
कॉमेडी की डोज हर वक्त
वैसे तो फिल्म में कुछ मौके आते हैं, जहां इमोशनल एंगल डाला गया है लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर पर इतने कॉमेडी पंच दिए गए हैं जो आप फिल्म देखते वक्त काफी एन्जॉय करेंगे। कुल मिलाकर कहा जाए तो परफेक्ट शुद्ध ह्यूमर देती है ये फिल्म।
गहरी दोस्ती की मिसाल
अक्सर देखा जाता है कि दो भाईयों में किसी न किसी बात को लेकर अनबन हो जाती है। फिल्म में भी ऐसा दिखाया गया है, जब बिंटो को पसंद नहीं आता है कि उसे हर दिन शिंटो से कंपेयर किया जाए। हालांकि वह अपने भाई से प्यार करता है। बिना किसी शर्त उनकी दोस्ती कितनी गहरी है इस बात की मिसाल फिल्म बखूबी देती है।
स्टीरियोटाइप को तोड़ती है फिल्म
अक्सर समाज में समझा जाता है कि लड़के अपने इमोशन को खुलकर नहीं रखते हैं लेकिन ‘ब्रोमांस’ इस स्टीरियोटाइप को तोड़ती है। फिल्म में दोस्ती को जिस गहराई और अपनेपन की तरह दिखाया गया है, वह वैसा ही है, जैसा इमोशन एक रोमांटिक रिश्ते में होता है।
अपशब्दों से बिल्कुल दूर
अक्सर यंग एज जेनरेशन, यारी दोस्तों पर बनी फिल्में परिवार के साथ देखने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है। कई फिल्मों में अपशब्द होने की वजह से फिल्में असहज भी कर देती हैं लेकिन ब्रोमांस साफ-सुथरी है और अपशब्दों से कोसों दूर है। इसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।