‘इंडिया टुडे’ की खबर के मुताबिक सैफ अली खान ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि जब वो और करीना अपने कमरे में थे, तभी उन्हें अपनी नर्स एलियामा की चीखें सुनाई दीं। तुरंत सैफ और करीना जहांगीर के कमरे की ओर दौड़े, जहां एलियामा सो रही थी। वहां पहुंचते ही उन्हें एक अजनबी शख्स दिखाई दिया जो फिलिप पर हमला कर रहा था। सैफ ने उस हमलावर को पकड़ लिया, लेकिन हमलावर ने पीछे मुड़कर सैफ पर चाकू से हमला किया।
सैफ को पीठ, गर्दन और कई जगहों पर कई बार चाकू लगा, जिससे वो घायल हो गए लेकिन उन्होंने किसी तरह खुद को छुड़ा लिया और हमलावर को धक्का देकर उसे भागने पर मजबूर कर दिया। इसी बीच उनकी नर्स एलियामा ने हमलावर से लड़ते हुए, जहांगीर को कमरे से निकालकर सुरक्षित किया और कमरे को बंद कर दिया। सैफ ने बताया कि वो सब इस स्थिति से सदमे में थे कि आखिर वो व्यक्ति घर में कैसे घुस आया। सभी को ये घटना हैरान कर रही थी और साथ ही ये भी समझ में नहीं आ रहा था कि हमलावर को किसने अंदर आने दिया।
सैफ के करीबी दोस्त ने की मदद
सैफ की हालत गंभीर थी और घायल होने के बाद वो खुद से ऑटो ड्राइवर की मदद से लीलावती अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उनके परिवार के एक करीबी दोस्त अफसर जैदी ने सैफ की मदद की। अफसर जैदी ने मीडिया से बात करने से परहेज किया और बताया कि वो सैफ के परिवार के अनुरोध पर अस्पताल पहुंचे थे। वो सैफ को अस्पताल लेकर नहीं गए थे, बल्कि बाद में परिवार द्वारा अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने बाकी की औपचारिकताएं पूरी की।
सैफ की हालत अब स्थिर
अस्पताल में इलाज के बाद सैफ को डिस्चार्ज कर दिया गया और वो अब घर में आराम कर रहे हैं। परिवार के सदस्य, खासकर करीना कपूर और सैफ के करीबी दोस्त इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़े रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने सैफ के साहस और परिवार के एकजुटता को प्रदर्शित किया।
ये घटना न सिर्फ बॉलीवुड के सितारों के जीवन को बल्कि आम आदमी के लिए भी एक मैसेज देती है कि संकट के समय में केवल साहस और समझदारी ही हमें सुरक्षित रख सकती है। सैफ अली खान की ये बहादुरी आज के समय में एक प्रेरणा बन गई है और उनके परिवार ने भी इस कठिन घड़ी में एक-दूसरे का साथ दिया है।
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