Bhojpuri Actress Seema Singh: भोजपुरी सिनेमा आइटम क्वीन कही जाने वाली एक्ट्रेस सीमा सिंह (Seema Singh) बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी राजग की सदस्यता ली हुई थी और पार्टी ने उन्हें सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट से टिकट दिया था. एक्ट्रेस ने नामांकन भी भर दिया था. लेकिन चुनाव आयोग की ओर से इसे रद्द कर दिया गया. ऐसे में राजग बिना चुनाव लड़े ही हार एक सीट हार गई. ये सीमा के साथ ही पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है.
सीमा सिंह का चुनावी मैदान में उतरना और नामांकन रद्द हो जाना कई सवाल पैदा करता है कि आखिर वो वजह क्या रही है, जिसकी वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. क्योंकि नामांकन एक तरह का फॉर्म होता है, जिसमें कैंडिडेट अपना और संपत्ति के साथ ही शिक्षा का ब्यौरा देता है. लेकिन, नामांकन रद्द करने के पीछे की जो वजह सामने आ रही है कि वो बताया जा रहा है कि इसमें कोई गलती हुई थी. लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्या गलती हुई जो चुनाव आयोग को सीमा सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया? सीमा पहली बार चुनावी मैदान में थीं. ऐसे में ये उनके लिए बड़ा झटका है. एक्ट्रेस की चुप्पी भी कई सवाल खड़े करती है कि सच में कोई गलती हुई या फिर कोई साजिश है.
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नामांकन रद्द होने पर साधी चुप्पी
नामांकन रद्द होने के बाद जब सीमा सिंह से न्यूज 24 ने इस बारे में बात करने की कोशिश की तो उनसे बात हो नहीं पाई. उनके करीबी ने कहा कि वह अभी बात करने की स्थिति में नहीं है. उनके लिए ये बहुत ही बड़ा सदमा है. मैदान में उतरने से पहले ही सीट हार जाना किसी के लिए भी बुरे सपने की तरह है. सीमा सिंह को हमने अप्रोच करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो सकी. ऐसे में उनका चुप रहना बहुत सवाल खड़े करता है. क्योंकि कोई एक फॉर्म भरने में गलती कैसे कर सकता है और गलती भी हुई होगी तो क्या हुई होगी? हालांकि, ये अभी साफ नहीं हो पाया है. अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा.
चिराग पासवान को कमजोर करने की नीति तो नहीं?
बता दें कि भोजपुरी के बड़े स्टार्स बीजेपी में हैं. दिनेश लाल यादव निरहुआ, मनोज तिवारी, पवन सिंह और रवि किशन जैसे सितारे शामिल हैं. इस बार के चुनाव में पवन सिंह के नाम को लेकर चर्चा जोरों पर थी कि वह भी चुनावी मैदान में हो सकते हैं लेकिन, उनका नाम स्टार प्रचारक की लिस्ट में था. वहीं, खेसारी लाल यादव ने आरजेडी से नामांकन दाखिल किया है. वह छपरा से चुनावी मैदान में हैं.
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साजिश या सच में हुई कोई गलती?
अब ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि भोजपुरी के बड़े स्टार्स इन दोनों पार्टी में है. वहीं, चिराग पासवान बिहार के मजबूत कैंडिडेट में से एक हैं. अब यहां पर सीमा सिंह के नामांकन रद्द होने के बाद सवाल यहां पर ये भी खड़ा होता है कि कहीं ये कोई राजनैतिक साजिश तो नहीं है? ताकि चिराग पासवान को कमजोर किया जा सके. चूंकि सीमा सिंह की छवि भोजपुरी दर्शकों के बीच एक आइटम क्वीन की भी है. कहीं, इसका असर तो नहीं कि उन्हें राजनीतिक करियर शुरू होने से पहले ही रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है. खैर अब ये तो उनके रिएक्शन के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर चुनाव आयोग ने उनके नामांकन में ऐसी क्या गलती पाई कि नामांकन ही रद्द करना पड़ गया.
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