Saturday, 20 April, 2024

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Asha Parekh Birthday: दिग्गज अदाकारा के कुछ सबसे लोकप्रिय गीत, जो आज भी हैं सदाबहार

मुंबई: दिग्गज और ग्रेशियस अदाकार आशा पारेख (Asha Parekh Birthday) आज यानी 2 अक्टूबर को अपना 80वां जन्मदिन मना रही हैं। उन्हें हाल ही में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों (68th National Film Awards) में वर्ष 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत 1952 की […]

Edited By : Ritu Shaw | Updated: Oct 3, 2022 12:43
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Asha Parekh Birthday: दिग्गज अदाकारा के कुछ सबसे लोकप्रिय गीत, जो आज भी हैं सदाबहार
Asha Parekh Birthday: दिग्गज अदाकारा के कुछ सबसे लोकप्रिय गीत, जो आज भी हैं सदाबहार

मुंबई: दिग्गज और ग्रेशियस अदाकार आशा पारेख (Asha Parekh Birthday) आज यानी 2 अक्टूबर को अपना 80वां जन्मदिन मना रही हैं। उन्हें हाल ही में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों (68th National Film Awards) में वर्ष 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत 1952 की फिल्म ‘आसमान’ से एक बाल कलाकार के रूप में की थी। उन्होंने शम्मी कपूर-स्टारर ‘दिल देके देखो’ में अपनी पहली मुख्य भूमिका निभाई, और तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने छोटे-छोटे कदमों में अपने करियर को आगे बढ़ाया और शिखर पर पहुंच गईं।

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लोग न केवल उनकी फिल्मों को याद करते हैं बल्कि हिंदी सिनेमा के उनके कुछ बेहतरीन और क्लासिक गाने भी याद करते हैं। आइए इस खास मौके पर एक नजर डालते हैं उनके कुछ बेहतरीन गानों पर-

ना कोई उमंग है

https://www.youtube.com/watch?v=enn7jX2-vIQ

इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था और आरडी बर्मन ने कंपोज किया था। यह 1971 की फिल्म ‘कटी पतंग’ का गीत है, जिसे सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है। आनंद बख्शी ने इसके बोल लिखे।

परदे में रहने दो

यह गीत फिल्म ‘शिकार’, 1968 से आशा के प्रतिष्ठित गीतों में से एक है। इस गीत को आशा भोंसले ने गाया था और संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था और गीत हसरत जयपुरी द्वारा लिखे गए थे।

ओ मेरे सोना रे सोना रे

यह एक मजेदार ट्रैक है जिसे मोहम्मद रफी और आशा भोंसले ने गाया है। यह 1966 में ‘तीसरी मंजिल’ से निकला है। संगीतकार और गीतकार आरडी बर्मन और मजरूह सुल्तानपुरी ने इसमें अपना योगदान दिया है।

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहां

यह आशा पारेख की ‘तीसरी मंजिल’ का एक और प्रतिष्ठित ट्रैक है, गाने को मोहम्मद रफी और आशा भोंसले ने गाया है, और गीतकार क्रमशः आरडी बर्मन और मजरूह सुल्तानपुरी ही इसमें भी अपना योगदान दिया।

कांटा लगा… बंगले के पीछे

मूल गीत 1972 में फिल्म ‘समाधि’ का है। मूल गीत लता मंगेशकर द्वारा गाया गया था और आरडी बर्मन द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। 2002 में इसका रीमिक्स डीजे डॉल ने निकाला।

तेरे कारण मेरे साजन

 

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यह फिल्म 1970 की फिल्म ‘आन मिलो सजना’ में पारेख द्वारा दिया गया एक और यादगार गीत है। यह प्रतिष्ठित गीत लता मंगेशकर द्वारा गाया गया था और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल द्वारा संगीतबद्ध किया गया था और बोल आनंद बख्शी द्वारा लिखे गए थे।

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First published on: Oct 02, 2022 12:58 PM

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