Arvind Swami: सिनेमाजगत में कई सितारे ऐसे हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने करियर की शुरूआत कर दी। हालांकि इनमें से कुछ ने तो सफलता हासिल की और कुछ सितारे मेहनत के बाद भी नहीं चमक सकें।
आज हम आपको एक ऐसे ही सितारे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी पॉपुलैरिटी तो तेजी से बढ़ी, लेकिन उनका स्टारडम ज्यादा लंबे टाइम तक नहीं चला। चलिए जान लेते हैं कि कौन है वो सितारा?
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कम उम्र में की थी करियर की शुरूआत
साल 1991 में अरविंद स्वामी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। एक्टर की पहली फिल्म थलापति, जिसे मणिरत्नम ने बनाया था। इसके साथ ही अरविंद के पास मणिरत्नम की फिल्म 1992 में रोजा और 1995 में बॉम्बे में से उन्हें खास पहचान मिली। यही वो फिल्में हैं, जिन्होंने अरविंद को स्टार का टैग दिया। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने साल 1997 में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म मिनसारा कनवु में भी अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया।
‘सात रंग के सपने’ से किया बॉलीवुड डेब्यू
इसके बाद एक्टर ने बॉलीवुड में डेब्यू किया और उनकी पहली फिल्म ‘सात रंग के सपने’ थी। ये टाइम अरविंद की लाइफ का बेहद खास समय था, क्योंकि उस समय उनको रजनीकांत और कमल हासन के बाद एक बेहतर कलाकार के रूप में देखा जाता था। अरविंद स्वामी की पॉपुलैरिटी रातों-रात बढ़ती ही जा रही थी, लेकिन बावजूद इसके बेहद कम समय में ही उन्होंने अपने स्टारडम को खो दिया।
2005 में हुआ एक्टर का एक्सिडेंट
दरअसल, उस दौरान एक्टर के खाते में लीड रोल वाली कई फिल्में थी, लेकिन एक के बाद एक फिल्मों से उन्हें हटा दिया गया और एक्टर की दो फिल्में तो प्रोडक्शन में ही रह गई। लगातार करियर में गिरावट के चलते एक्टर ने फैसला लिया कि वो अब इंडस्ट्री में काम नहीं करेंगे और उन्होंने एक्टिंग करना बंद कर देंगे। हालांकि साल 2005 में अरविंद स्वामी का एक्सिडेंट भी हो गया था। इस हादसे में एक्टर का पैर पैरालाइज हुआ, जिसका करीब 4 से 5 साल तक इलाज चला।
करोड़ोपति बन गए अरविंद स्वामी
इसके बाद अरविंद स्वामी ने बिजनेस में एंट्री की। बिजनेस में एक्टर की किस्मत ऐसी चमकी कि वो करोड़ोपति बन गए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक्टर की कंपनी ने साल 2022 में $418 मिलियन (3,300 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू अर्न किया था। हालांकि आज भी फैंस एक्टर की अदाकारी के दीवाने हैं।