Mumbai Blast Case, Sanjay Dutt: कुछ कहनियां ऐसी होती हैं, जो सिर्फ कहानी बनकर रह जाती है, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी होती हैं, जो सिर्फ कहानी नहीं बल्कि नासूर बन जाती है। एक ऐसी ही घटना की कहानी, जो 31 साल पहले हुई थी। इस घटना ने ना सिर्फ लोगों की जान ली बल्कि एक हंसते-खेलते शहर को अपने आगोश में ले लिया।
31 साल हुए पूरे
दरअसल, हम बात कर रहे हैं ‘बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट’ की, जिसे आज पूरे 31 साल हो गए हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मुंबई ब्लास्ट केस में कैसे उछला था मशहूर अभिनेता संज दत्त का नाम, जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आइए जानते हैं..
View this post on Instagram
---विज्ञापन---
बैक टू बैक 12 धमाके
12 मार्च 1993… एक शहर और बैक टू बैक 12 धमाके। रिपोर्ट्स की मानें, तो इस घटना में 713 लोग घायल हुए थे और 257 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। पुलिस को गुल्लू उर्फ गुल मोहम्मद खान (मुंबई दंगे का आरोपी) के शख्स ने बताया था कि मुंबई में कई बड़ी जगहों पर धमाके होने वाले हैं, लेकिन पुलिस ने उसकी बात पर गौर नहीं किया और नतीजा ‘बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट’ में बदला।
View this post on Instagram
बदला लेने के लिए किए गए धमाके- एस. हुसैन जैदी की किताब
बता दें कि एस. हुसैन जैदी ने इस घटना का जिक्र करते हुए अपनी किताब में ‘मैं अबु सलेम बोल रहा हूं’ में लिखा है कि साल 1993 में हुई मुंबई ब्लास्ट बदला लेने के लिए कराए गए हैं। जैदी ने अपनी किताब में लिखा है कि ये घटना बाबरी विध्वंस और उसके बाद हुए दंगों का लेने के लिए की गई थी।
View this post on Instagram
और बदल गई संजय दत्त की जिंदगी
इस मामले में साल 2006 नवंबर में जांच के दौरान बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त का भी नाम सामने आया और अवैध रूप से पिस्तौल और AK-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया। फिर इस केस में संजय दत्त को जेल हुई और उन्हें पांच साल के लिए जेल जाना पड़ा। इतना ही नहीं बल्कि एक्टर को चार हफ्तों में सरेंडर करने के लिए भी कहा गया। इस घटना के बाद से संजय की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। बता दें कि संजय दत्त पर ‘टाडा’ एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी।
View this post on Instagram
संजय के घर रखी गई हथियारों की खेप
इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट्स में बताया गया कि जब हथियारों की बड़ी खेप भारत आई थी तो उसे सीधे संजय दत्त के घर भेजा गया था। कहा गया कि 16 जनवरी 1993 के दिन अबू सलेम अपने साथ दो लोगों को अपने साथ लेकर अभिनेता संजय दत्त के घर गए और वहां 2 AK-56 राइफलें और 250 गोलियां रखकर आए। इसके दो दिन बाद इन हथियारों को वापस ले लिया गया। बता दें कि इस घटना के दौरान संजय भारत में नहीं थे और वो फिल्म ‘आतिश’ की शूटिंग के लिए बाहर गए हुए थे। हालांकि जब वो भारत वापस लौटे तो उन्हें एयरपोर्ट से ही हिरासत में ले लिया गया था।
कहां-कहां हुआ था ब्लास्ट?
आज से ठीक 31 साल पहले यानी 12 मार्च 1993 के दिन मुंबई में 12 जगहों पर एक के बाद एक धमाके हुए। सबसे पहले मुंबई के स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग के बेसमेंट में धमाका हुआ, जो दोपहर 1.30 बजे किया गया था। इसके बाद कॉर्पोरेशन बैंक की मांडवी ब्रांच में 30 मिनट यानी आधे घंटे बाद दूसरा धमाका हुआ। फिर शिवसेना भवन, इसके बाद एअर इंडिया की बिल्डिंग, फिर फिशरमैन कॉलोनी और सेंचुरी बाजार, इसके बाद जावेरी बाजार और प्लाजा सिनेमा में धमाका किया गया। इन सबके बाद कथा बाजार और फिर सहारा एयरपोर्ट का टर्मिनल, फिर होटल जुहू सेंटोर और होटल सी रॉक में भी बम फटा।
27 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान
इस घटना में ना सिर्फ लोगों की जान गई बल्कि बड़ा मुंबई शहर को भी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट्स की मानें, तो उस टाइम के हिसाब से इस धमाके में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था, जो एक बहुत बड़ा नुकसान है। मुंबई को हुए इस नुकसान को देश आज भी नहीं भुला पाया है और ब्लैक फ्राइडे की ये घटना आज भी लोगों में जहन में है।
यह भी पढ़ें- कैसे Kriti के दिल के ‘सम्राट’ बने पुलकित? पांच साल पहले हुआ प्यार, अब बनेंगे हैप्पी मैरिड कपल