UP Board Result 2023: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने यूपी बोर्ड द्वारा 25 अप्रैल मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे जारी किए गए। इसके साथ ही टॉपर्स की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। वहीं परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश के अमेठी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया।
94 फीसदी आने बाद भी फेल हुई छात्रा
अमेठी कस्बे के श्री शिव प्रताप इंटर कॉलेज में 94 फीसदी अंक लाने के बाद दाखिला लेने वाली भावना वर्मा को असफल माना गया है। उसकी मार्कशीट में 402 अंक मिले थे, लेकिन प्रैक्टिकल में 180 की जगह सिर्फ 18 अंक जोड़े गए। यदि अतिरिक्त 180 अंक जोड़े जाते तो कुल 564 अंक या 94 प्रतिशत छात्र का स्कोर होता है। छात्रा और उसके परिजन मुख्यमंत्री से जांच कर न्याय करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अमेठी की एक हाई स्कूल की छात्रा भावना वर्मा 91.43% पाने के बावजूद यूपी बोर्ड की परीक्षा पास नहीं कर सकीं।
अधिकारियों की बड़ी लापरवाही
यूपी बोर्ड की लापरवाही की वजह से वह हाई स्कूल में फेल हो गई, जिसके चलते प्रैक्टिकल परीक्षा में उसे सभी विषयों में केवल 3 अंक मिले। भादर प्रखंड की रहने वाली भावना वर्मा अमेठी के शिव प्रताप इंटर कॉलेज में 10वीं की छात्रा है।
भावना वर्मा ने बताया स्कोर
भावना के अनुसार 70 अंकों की लिखित परीक्षा में उसे हिंदी में 65 अंक, अंग्रेजी, गणित और सामाजिक विषयों में 67-67 अंक, संस्कृत में 66 अंक और विज्ञान में 52 अंक मिले। उसे 420 में से 384 यानी 91.43% अंक मिले हैं। भावना ने बताया कि कॉलेज की ओर से सभी छह विषयों की प्रैक्टिकल परीक्षा में 30-30 नंबर (180/180) दिए गए थे। हालाँकि, उसे मार्कशीट पर प्रत्येक विषय में केवल तीन अंक प्राप्त हुए। इसके चलते उन्हें फेल घोषित कर दिया गया है।
अगर भावना को प्रैक्टिकल में 18 की जगह 180 अंक मिले होते तो उसे 600 में से 564 अंक (94 फीसदी) मिले होते। वह जिले की टॉप-10 की लिस्ट में होती। प्राचार्य नवल किशोर के मुताबिक बोर्ड की गलती का असर अन्य छात्रों पर भी पड़ा है।
छात्रा का रिजल्ट होगा रिवाइज
इस मामले पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने कहा है कि टाइपिंग एरर की वजह से ऐसा हुआ होगा। इसका करेक्शन करवा कर छात्रा को दोबारा रिजल्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्रा का रिजल्ट उसके प्रैक्टिकल के नंबरों के आधार पर दोबारा बनेगा।
प्रिंसिपल ने दिया ये बयान
इस मामले पर प्रकाश डालने के लिए प्रिंसिपल नवल किशोर ने कहा, ‘कार्यालय की गलती से ऐसा हुआ है’ छात्र के पूरे बोर्ड में अच्छे अंक थे, लेकिन प्रैक्टिकल की कमी थी। यदि ग्रेड सही होते, तो वह छात्र जीत सकता था। लड़की को उसके सारे नंबर स्कूल से मिले थे।