Education Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं । सीतारमण के बजट 2023 में घोषणा की 2014 से 157 मेडिकल कॉलेज बनाएं जाएंगे और चिकित्सा उपकरणों में प्रशिक्षण के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
बच्चों के लिए खुलेंगी राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सीखने की हानि पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी ताकि भौगोलिक, भाषा शैलियों और स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों की उपलब्धता को सुगम बनाया जा सके और उपकरण अज्ञेय, पहुंच, राज्यों को उनके लिए फिजिकल पुस्तकालय स्थापित करने के लिए बढ़ाया जाएगा। पंचायत और किस स्तर पर, और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुँचने के लिए बुनियादी ढाँचा प्रदान करते हैं।
एकलव्य मॉडल स्कूलों में 38800 टीचर
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि नवीन शिक्षाशास्त्र, पाठ्यक्रम संचालन, निरंतर व्यावसायिक विकास डिपस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से प्रत्येक प्रशिक्षण की पुनरीक्षा की जाएगी। अगले 3 वर्षों में, केंद्र 3.5 लाख आदिवासी छात्रों की सेवा करने वाले 740 मॉडल एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती करेगा।
PMKVY 4.0 को लॉन्च किया जाएगा
यूथ को स्किल ट्रेनिंग देने के लिए PMKVY 4.0 को लॉन्च किया जाएगा। AI, Robotics, Coding आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। 47 लाख युवाओं को 3 साल के लिए स्टाइपेंड मिलेगा।
शिक्षा बजट 2022-23 (Education Budget 2022-2023)
इस बजट में सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 1 लाख 4 हजार 277 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जोकि बीते वर्षों से काफी ज्यादा था। इसके साथ ही इस वर्ष के शिक्षा बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37,383 करोड़, आईआईटी के लिए 8,494 करोड़, यूजीसी और एआईसीटीई के लिए 5320 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस बजट में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही गई थी. इसमें डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए फंड का प्रावधान किया गया था।
2023-24 के शिक्षा बजट से क्या उम्मीद है?
बीते कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किए गए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से भी एजुकेशन सेक्टर में काफी बदलाव देखा गया है। ऐसे में इस साल के आम बजट में शिक्षा के क्षेत्र पर ज्यादा जोर दिए जाने की उम्मीद की जा रही है। लोगों का मानना है कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए खर्च बढ़ाया जाना चाहिए।