भारत का सबसे प्रसिद्ध एजुकेशन बोर्ड CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) है। हर साल सीबीएसई से लगभग 30 से 35 लाख छात्रों बोर्ड परीक्षा देते हैं। CBSE के अलावा देश में ICSE (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) बोर्ड और स्टेट बोर्ड (State Board) भी मौजूद हैं। देशभर में CBSE और ICSE बोर्ड से हजारों स्कूलों को मान्यता प्राप्त है। जबकि, स्टेट बोर्ड के नियम एक ही राज्य के स्कूलों पर लागू होते हैं। इसके अलावा इन सभी बोर्ड के सिलेबस में भी काफी अंतर होता है। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर वो कौन सा बोर्ड है, जो स्कूल एजुकेशन के लिए सबसे बेस्ट है।
क्या है CBSE और ICSE बोर्ड में अंतर?
CBSE बोर्ड क्रेंद सरकार के अंतर्गत आता है। भारत में इससे संबंधित स्कूलों की संख्या 27000 से भी अधिक है। वहीं, भारत से बाहर करीब 28 देशों में CBSE से मान्यता प्राप्त 240 स्कूल हैं। यह एक राष्ट्रीय स्तर का बोर्ड है, जो भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। देशभर के हजारों सरकारी और प्राइवेट स्कूल CBSE से एफिलिएटेड हैं। वहीं, बात की जाए ICSE की तो यह एक प्राइवेट बोर्ड है। देश-विदेश में मिलाकर इस बोर्ड से करीब 2300 स्कूलों को मान्यता प्राप्त है। ICSE बोर्ड से एफिलिएटेड सभी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई होती है, जबकि CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में हिंदी और इंग्लिश – दोनों ही मीडियम में पढ़ाई कराई जाती है.
किसका सिलेबस है आसान?
दरअसल, CBSE बोर्ड के सिलेबस को ICSE के सिलेबस से थोड़ा आसान माना जाता है। सीबीएसई का सिलेबस NCERT द्वारा तैयार किया जाता है, जबकि आईसीएसई का सिलेबस काफी डिटेल्ड और टफ होता है। लेकिन, ICSE बोर्ड से पढ़ने वाले छात्रों की इंग्लिश लैंग्वेज पर कमांड ज्यादा अच्छी होती है।
किसके लिए कौन सा बोर्ड है बेस्ट?
वहीं, भारत में हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम (JEE और NEET) का आयोजन किया जाता है। इन एग्जाम का सिलेबस सीबीएसई के सिलेबस के काफी हद तक मेल खाता है। इसलिए, CBSE का सिलेबस स्कूल एजुकेशन के लिए बेस्ट माना जाता है। हालांकि, अगर आपकी इच्छा स्कूल खत्म करने के बाद विदेश में जाकर ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन करने की है, तो उसके लिए ICSE बोर्ड बेस्ट रहेगा।