Bihar Toppers Factory: एक समय ऐसा था, जब बिहार को भारतीय शिक्षा का केंद्र कहा जाता था। नालंदा यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए लोग देश-विदेश से बिहार आते थे। मगर वक्त के साथ नालंदा खंडहर बन गई और बिहार की गिनती बीमारू राज्यों में होने लगी। हालांकि कुछ सालों पहले बिहार के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शिक्षा का स्तर उठाने का सपना देखा। नतीजतन जमुई के जंगलों में एक ऐसा स्कूल बनकर तैयार हुआ, जिसने हर साल टॉपर्स की झड़ी लगा दी, लेकिन इस बार निराशा हाथ लगी है। बिहार की टॉपर्स फैक्ट्री के नाम से पहचाने जाने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय से इस बार 12वीं में कोई भी टॉपर नहीं बना। इस बार इंटर टॉपर्स की सूची में इस स्कूल से एक भी छात्र-छात्रा का नाम नहीं है।
कैसे बनी टॉपर्स फैक्ट्री?
कुछ दशकों पहले तक नेतरहाट विद्यालय को बिहार के बेस्ट शिक्षण संस्थानों में गिना जाता था। मगर साल 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर दिया गया और नेतरहाट विद्यालय झारखंड राज्य का हिस्सा बन गया। इसके बाद बिहार में बेस्ट स्कूल बनवाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना बना गया। सीएम नीतीश के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम पड़ा सिमुलतला आवासीय विद्यालय।
क्यों कहते हैं टॉपर्स फैक्ट्री?
जमुई की पहाड़ियों पर स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय 2010 में बनकर तैयार हुआ था, जिसके बाद इस स्कूल ने हर बार बिहार की टॉपर्स लिस्ट में बाजी मारी है। बता दें कि 2015 में बिहार बोर्ड की टॉप 10 लिस्ट में 31 विद्यार्थियों का नाम शामिल था, जिसमें से 30 विद्यार्थी टॉपर्स फैक्ट्री के थे। इसी तरह 2016 के नतीजों में टॉपर्स फैक्ट्री के 46 बच्चों ने टॉप 10 में जगह बनाई थी। टॉपर्स फैक्ट्री का रिकॉर्ड साल दर साल कायम रहा है। 2023 बोर्ड परीक्षा के नतीजों में भी 7 टॉपर्स के साथ ये स्कूल नम्बर वन पर था।
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कैसे होता है एडमिशन?
टॉपर्स फैक्ट्री में एडमिशन लेने के लिए बच्चों को काफी कठिन एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ये परीक्षा करवाता है। यह परीक्षा पास करने के बाद विद्यार्थियों का एडमिशन छठीं क्लास में होता है। सिमुलतला आवासीय विद्यालय में एक बार में सिर्फ 60 छात्र और 60 छात्राओं का दाखिला किया जाता है।
कैसे होती है पढ़ाई?
आमतौर पर बिहार के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई हिन्दी मीडियम में होती है। मगर सिमुलतला आवासीय विद्यालय में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई करवाई जाती हैं। सिमुलतला स्कूल में बिहार बोर्ड की किताबों के अलावा एनसीआरटी की बुक्स भी पढ़ाई जाती हैं। साथ ही यहां बच्चों के रहने के लिए हॉस्टल भी मौजूद हैं।