---विज्ञापन---

शिक्षा

अडाणी ग्रुप शिक्षा मंत्रालय के IKS के साथ मिलकर करेगा ऐतिहासिक इंडोलॉजी रिवाइवल की मेजबानी

यह पहल लिंग्विस्टिक्स और एस्ट्रोनॉमी से लेकर हेरिटेज स्टडीज और पारंपरिक विज्ञान तक, अलग-अलग सब्जेक्ट्स के 14 Ph.D. स्कॉलर्स को सपोर्ट करती है, जो भारत के नॉलेज सिस्टम्स में मॉडर्न रिसर्च मेथडोलॉजीज़ को अप्लाई कर रहे हैं.

Author Written By: Vandana Bharti Updated: Nov 20, 2025 18:46

अडाणी ग्रुप, शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम्स (IKS) के साथ मिलकर, इंडोलॉजी को फिर से ज‍िंदा करने के लिए एक अहम नेशनल प्रोग्राम होस्ट कर रहा है. इंडोलॉजी भारत की सभ्यता, भाषाओं, फिलॉसफी, साइंस और सांस्कृतिक विरासत की ग्लोबल एकेडमिक स्टडी है. यह इवेंट 20 से 22 नवंबर तक अहमदाबाद में अडाणी कॉर्पोरेट हाउस (ACH) में होगा. ऐसे समय में जब दुनिया भर में इंडोलॉजी डिपार्टमेंट कम हो रहे हैं, यह कोशिश भारत के अपने नॉलेज सिस्टम पर मालिकाना हक को फिर से साबित करने और उन्हें एक असली, रिसर्च पर आधारित भारतीय नजरिए से दुनिया के सामने पेश करने की कोशिश है.

यह पार्टनरशिप, अडाणी ग्रुप के देश बनाने के लंबे समय के कमिटमेंट को IKS के उस मकसद के साथ जोड़ती है, जिसके तहत भारत के पारंपरिक ज्ञान के फ्रेमवर्क को आज की शिक्षा में शामिल किया जाएगा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत शुरू किया गया IKS, अलग-अलग सब्जेक्ट्स में पुराने भारतीय ज्ञान को मेनस्ट्रीम में लाने का काम करता है – इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च, टेक्स्ट्स और प्रैक्टिस को बचाने और इंजीनियरिंग, एनवायर्नमेंटल साइंस, लिंग्विस्टिक्स, पब्लिक पॉलिसी और हेल्थकेयर जैसे मॉडर्न कॉन्टेक्स्ट में प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को बढ़ावा देता है. दोनों इंस्टीट्यूशन मिलकर भारतीय ज्ञान की पढ़ाई और उसे फैलाने के लिए एक मज़बूत, दुनिया भर में सम्मानित नींव बनाना चाहते हैं.

---विज्ञापन---

इंडोलॉजी ने ऐतिहासिक रूप से भारत के बारे में दुनिया भर की समझ को आकार दिया है और मॉडर्न लिंग्विस्टिक्स, एस्ट्रोनॉमी, मैथेमेटिक्स, गवर्नेंस, लिटरेचर और हेल्थ साइंसेज पर असर डाला है. लेकिन दशकों से इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट में कमी ने इसकी एकेडमिक गहराई को कम कर दिया है. इस चुनौती का सामना करते हुए, अडाणी ग्रुप और IKS ने मिलकर बड़े इंस्टीट्यूशन्स के 14 Ph.D. स्कॉलर्स को सपोर्ट करने के लिए पांच साल का, 13.16 करोड़ रुपये का प्रोग्राम शुरू किया है. उनकी रिसर्च में पैनिनियन ग्रामर और कम्प्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स, पुराने एस्ट्रोनॉमिकल सिस्टम, देसी हेल्थकेयर फ्रेमवर्क, ट्रेडिशनल इंजीनियरिंग में सस्टेनेबिलिटी प्रिंसिपल्स, पॉलिटिकल थॉट, हेरिटेज स्टडीज और क्लासिकल लिटरेचर शामिल होंगे.

स्कॉलर्स को IITs, IIMs, IKS-फोकस्ड यूनिवर्सिटीज और जाने-माने स्कॉलर्स के साथ एक कड़े नेशनल कंसल्टेशन के जरिए चुना गया. क्लासिकल नॉलेज को डेटा साइंस, सिस्टम थिंकिंग और मल्टीमॉडल आर्काइविंग जैसे एडवांस्ड टूल्स के साथ इंटीग्रेट करके, यह प्रोग्राम इंडोलॉजी को आज के एकेडमिक डिस्कोर्स और ग्लोबल स्कॉलरशिप के लिए रेलिवेंट बनाने की कोशिश करता है. वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से जुड़ा यह इनिशिएटिव “दुनिया एक परिवार है” का पुराना भारतीय सिद्धांत – भारत की सॉफ्ट पावर और सिविलाइजेशनल लीडरशिप को मजबूत करने के लिए अडाणी ग्रुप के कमिटमेंट को दिखाता है.

---विज्ञापन---

First published on: Nov 20, 2025 06:44 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.