Women Empowerment: कारोबारी दुनिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। एक सर्वे रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉल बिजनेस मैन्युफैक्चरिंग में करीब 58% व्यवसायों की कमान महिलाओं के हाथ में थी, जो इससे पहले के फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले करीब 4% ज्यादा है।
वर्कफोर्स में भी बढ़ी हिस्सेदारी
असंगठित क्षेत्र उद्यमों (ASUSE) के वार्षिक सर्वेक्षण 2023-24 के विस्तृत परिणामों से यह भी पता चला है कि इस दौरान कुल श्रमिकों में से 28.1% महिलाएं थीं। सर्वे रिपोर्ट बताती है कि सेक्टर में महिला नेतृत्व वाले प्रतिष्ठानों की हिस्सेदारी 2022-23 में 22.9% से बढ़कर 2023-24 में 26.2% हो गई है और अन्य सेवाओं के लिए 9.7% से बढ़कर 14.2% हो गई है।
दूसरे सेक्टर्स का हाल
सर्वे के अनुसार, महिला वर्कर्स की सबसे ज्यादा भागीदारी मैन्युफैक्चरिंग में रही। इसके बाद सर्विस और ट्रेड का नंबर आता है। राज्यों के हिसाब देखें तो ASUSE 2023-24 में पश्चिम बंगाल में महिला श्रमिकों की अधिकतम हिस्सेदारी (12.7%) है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (10.4%) और महाराष्ट्र (9.7%) का स्थान है। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र ने क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक महिला श्रमिकों को रोजगार दिया गया है, जिनकी हिस्सेदारी लगभग 16% और 13% है।
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क्या होते हैं ये प्रतिष्ठान?
असंगठित प्रतिष्ठान वे हैं जो निगमित नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि वे न तो कंपनी अधिनियम 1956 के तहत पंजीकृत हैं और न ही 2013 अधिनियम के तहत। आंकड़ों से पता चला है कि अखिल भारतीय स्तर पर ऐसे चार में से हर एक प्रतिष्ठान का स्वामित्व महिला के पास है। गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में लगभग एक तिहाई प्रतिष्ठानों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।
कुल संख्या में इजाफा
इस क्षेत्र में प्रतिष्ठानों की कुल संख्या 2022-23 में 6.50 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 7.34 करोड़ हो गई, जो 12.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस क्षेत्र में लगभग 39% प्रतिष्ठान या तो खुदरा व्यापार (लगभग 27%) या परिधानों के निर्माण (लगभग 12%) से जुड़े हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 और सितंबर 2024 के बीच असंगठित गैर-कृषि क्षेत्र ने 12 करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया है।