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Bajaj से रिश्ता टूटते ही नया घर बसाने की तैयारी में Allianz SE, भारत के बीमा सेक्टर में दूसरी पारी की तैयारी

आलियांज जर्मनी की दिग्गज फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी है, बजाज समूह के साथ मिलकर कंपनी पिछले 24 सालों से भारत के बीमा सेक्टर में मौजूद है। अब जब बजाज के साथ उसके रिश्ते पर फुलस्टॉप लग गया है , तो आलियांज ने नया साथी भी लगभग खोज लिया है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 19, 2025 13:45

बजाज फिनसर्व लिमिटेड (BFS) और Allianz SE का 24 साल पुराना रिश्ता खत्म होने वाला है। पहले इस बारे में केवल बातें हो रही थीं, लेकिन अब दोनों के अलग होने पर सहमति की मुहर लग गई है। बजाज ग्रुप ने बताया है कि उसने बजाज Allianz जनरल इंश्योरेंस (BAGIC) और बजाज Allianz लाइफ इंश्योरेंस (BALIC) में Allianz SE की 26% हिस्सेदारी खरीदने के लिए शेयर परचेज एग्रीमेंट (SPA) किया है। इस डील के फाइनल होने के बाद बजाज समूह की इन दोनों कंपनियों में 100% हिस्सेदारी हो जाएगी।

अब जियो संग जुड़ेगा रिश्ता

जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए यह बहुत बड़ा अपडेट है। दोनों कंपनियों के रिश्ते के खत्म होने की खबर के बीच Allianz SE ने अपना संभावित नया पार्टनर भी खोज लिया है। ET की रिपोर्ट के अनुसार, Allianz SE मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल के साथ साझेदारी की योजना बना रही है। इस तरह यह जर्मन कंपनी भारत के बीमा बाजार में अपनी दूसरी पारी खेलेगी। बताया जा रहा है कि इसके लिए जियो फाइनेंशियल और आलियांज के अधिकारियों के बीच बातचीत भी शुरू हो गई है।

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क्यों टूट रहा रिश्ता?

भारत का बीमा बाजार काफी बड़ा है और इसके आने वाले समय में तेजी से बढ़ने की संभावना है। ऐसे में यह सवाल महत्वपूर्ण है कि आलियांज SE ने बजाज के साथ रिश्ता खत्म करने का फैसला क्यों लिया? इसका जवाब है हिस्सेदारी को लेकर मतभेद। बजाज फिनसर्व के पास दोनों बीमा कंपनियों – बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आलियांज के पास शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी। कहा जाता है कि आलियांज अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उत्सुक थी, जबकि बजाज समूह इसके लिए तैयार नहीं था। इस वजह से दोनों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गए और आखिरकार 24 साल एक रिश्ते पर फुलस्टॉप लगाना पड़ा।

पहले ही बना लिया था मन

बताया जा रहा है कि Allianz SE ने काफी पहले ही बजाज से अलग होने का मन बना लिया था। इसके साथ ही उसने मुकेश अंबानी की कंपनी के साथ साझेदारी की संभावनाएं भी तलाशनी शुरू कर दी थीं। पिछले साल अक्टूबर में जब यह सामने आया कि जर्मन कंपनी बजाज के साथ जॉइंट वेंचर से अलग होना चाहती है, तभी से नए पार्टनर की तलाश शुरू हो गई थी। पिछले कुछ महीनों से जियो फाइनेंशियल और आलियांज के अधिकारी इस विषय में बातचीत भी कर रहे हैं। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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रिलायंस ही क्यों?

बीमा सेक्टर में कई दूसरी दिग्गज कंपनियां भी मौजूद हैं, लेकिन आलियांज SE मुकेश अंबानी की कंपनी से रिश्ता जोड़ना चाहती है। इसकी वजह है अंबानी की अचूक रणनीति। रिलायंस को किसी भी बाजार पर राज करने का हुनर आता है। अंबानी ने कुछ समय पहले जियो फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड के बारे में कहा था कि वह बीमा क्षेत्र में भी प्रवेश करेंगे। उनकी कंपनी लोगों के लिए स्मार्ट जीवन और सामान्य स्वास्थ्य बीमा जैसे कई आकर्षक उत्पाद पेश करेगी। मौजूदा वक्त में रिलायंस कई सेक्टर्स में दूसरी कंपनियों के लिए कड़ी प्रतियोगिता पेश कर रही है। रिलायंस बीमा क्षेत्र में टेलीकॉम जैसी क्रांति ला सकती है। ऐसे में उससे रिश्ता रखने वालों को भी फायदा होगा। इसी फायदे की आस में आलियांज साझेदारी की संभावना तलाश रही है।

कब तक होगी घोषणा?

आलियांज SE और जियो फाइनेंशियल के जॉइंट वेंचर को लेकर जल्द घोषणा हो सकती है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के साथ ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) जैसे नियामकों की मंजूरी के बाद इसकी घोषणा संभव है। तभी यह पता चलेगा कि दोनों कंपनियों के बीच पार्टनरशिप का फ़ॉर्मूला क्या होगा।

यह भी पढ़ें – विज्ञापन एजेंसियों की नींद उड़ाने वाला CCI कौन, कैसे करता है काम? जानें हर सवाल का जवाब

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Edited By

Neeraj

First published on: Mar 19, 2025 01:38 PM

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