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कौन है कैवल्य वोहरा ? जानिए 21 साल की उम्र में कैसे बनाया Zepto को इतना बड़ा ब्रांड

जेप्टो ने पिछले कुछ महीनों में मार्केट में अपनी जगह मजबूत कर ली है। इसमें कंपनी के कैवल्य वोहरा का बहुत बड़ा योगदान है। आइये इनके बारे में जानते हैं।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Nov 19, 2024 17:25
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Kaivalya Vohra
Kaivalya Vohra

Success Story: क्विक डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zepto लगातार मार्केट में अपनी पहचान बना रहा है। इसका पूरा श्रेय कंपनी की लेटेस्ट मार्केटिंग स्ट्रेटजी और लगातार विज्ञापन के कारण हो रहा है। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता  कि कंपनी के सीईओ कैवल्य वोहरा का भी इसमें बहुत बड़ा योगदान है। बता दें कि जेप्टो ने क्विक डिलीवरी प्लेटफॉर्म के अलावा प्रमुख शहरों में अपना कैफे खोलने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि जेप्टो मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में 120 से अधिक कैफे खोलेगा। बता दें कि अगले दो सालों में कंपनी 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ 1000 करोड़ रुपये के बराबर होगा। यहां हम कैवल्य वोहरा के बारे में जानेंगे।

21 साल के हैं कैवल्य वोहरा ?

क्विक कॉमर्स ऐप Zepto के को-फाउंडर वल्य वोहरा केवल 21 साल हैं और उनकी नेटवर्थ 3,600 करोड़ रुपये है। हाल ही में उन्होंने 2024 IIFL वेल्थ-हुरुन इंडियन रिच लिस्ट में अपनी  जगह बनाई है। बता दें कि वे इस लिस्ट में शामिल होने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए हैं।

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इसके अलावा कंपनी के दूसरे को फाउंडर 22 वर्षीय आदित पालीचा इस लिस्ट में शामिल होने वाले दूसरे सबसे छोटे व्यक्ति हैं। इसकी नेट वर्थ 4,300 करोड़ रुपये है। बता दें कि वोहरा ने 19 साल की उम्र में हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2022 में अपनी शुरुआत की और तब से हर साल इस लिस्ट में शामिल होते रहे हैं। 2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नेटवर्थ वाले भारतीय शामिल हैं, 2024 में 220 व्यक्तियों की बढ़ोतरी के साथ इन लिस्ट में कुल 1,539 लोगों हो गए है।

Zepto

Zepto

शिक्षा और शुरुआती करियर

एजुकेशन की बात करे तो वोहरा ने दुबई कॉलेज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद किरानाकार्ट की नींव रखने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी, जिसे उन्होंने पालीचा के साथ शुरू किया था। बता दें कि किरानाकार्ट, एक ऑनलाइन किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म है, जो 45 मिनट के अंदर किराने का सामान पहुंचाने का वादा करता है, जिसे बाद में 2021 में जेप्टो में बदल दिया गया, जो कि किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड का एक्सटेंशन है।

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कब हुआ जेप्टो का विस्तार?

जैसा कि हम जानते हैं कि कैवल्य को जेप्टो का विचार तब आया जब वे कॉलेज के छात्र थे। जेप्टो एक ऑनलाइन डिलीवरी सेवा है जिसे वोहरा और पलिचा ने 2021 में COVID-19 महामारी के दौरान शुरू किया था। महामारी के कारण इंटरनेट डिलीवरी की मांग में आई तेजी का फायदा उठाते हुए, उन्होंने मुंबई में 1,000 कर्मचारियों और डिलीवरी एजेंटों के साथ शुरुआत की।

अब जेप्टो को भारत की सबसे तेजी से बढ़ती ई-किराना कंपनी के रूप देखा जा रहा है। अब इसकी वर्थ 1.4 बिलियन डॉलर पहुंच गई है। कंपनी का हेडक्वार्टर  बेंगलुरु में स्थित है और यह भारत के 10 प्रमुख शहरों में अपनी सेवा देता है। इसमें 1000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और यह 5000 से अधिक प्रोडक्ट की डिलीवरी करता है, जिनमें ताजे फल और सब्जियां, दैनिक फूड आइटम, डेयरी प्रोडक्ट, मेकअप एंड कॉस्मेटिक, मेडिकल, डेकोरेशन और हाइजीन आइटम्स शामिल हैं।

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Written By

Ankita Pandey

First published on: Nov 19, 2024 05:25 PM

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