भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पूर्व टेलीविजन एंकर हेमंत घई और उनके परिवार के सदस्यों को पांच साल के लिए बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। यानी इस अवधि के दौरान वह शेयर बाजार में कोई लेनदेन नहीं कर पाएंगे। सेबी ने हेमंत घई और उनकी पत्नी जया घई पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इनके अलावा SEBI ने MAS कंसल्टेंसी सर्विसेज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज पर भी जुर्माने की कार्रवाई की है। चलिए जानते हैं कि हेमंत घई पर यह कार्रवाई क्यों हुई है और उनका इतिहास कैसा रहा है।
पहले भी लगा था बैन
पहले सेबी की वर्तमान कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानते हैं। बाजार नियामक सेबी ने बैन के अलावा हेमंत घई और उनकी पत्नी को 6.16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई ब्याज के साथ लौटाने का भी निर्देश दिया है। ब्याज की गणना 31 मार्च, 2020 से अंतरिम आदेश की तारीख तक सालाना 12% की दर से की जाएगी। आरोपियों को 45 दिनों के अंदर ये रकम सेबी के निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष में राशि जमा करनी होगी। सेबी ने 2021 में भी हेमंत, उनकी पत्नी और मां को इसी तरह पांच साल के लिए बैन किया था और अब एक बार फिर प्रतिबंधित की कार्रवाई की गई है।
कार्रवाई का आधार?
सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि हेमंत घई ने अपनी पोजीशन का गलत इस्तेमाल करके शेयर बाजार से मोटा पैसा कमाया। वह अपने शो में स्टॉक की सिफारिश करते थे, इससे निवेशकों को भले ही नुकसान हुआ हो लेकिन घई परिवार ने मुनाफा कमाया। जांच में नियामक ने पाया कि जया घई और हेमंत की मां श्याम मोहिनी घई द्वारा किए गए 81% ट्रेड और लगभग 85% लाभ सीधे हेमंत घई की सिफारिशों से जुड़े थे। घई परिवार पर कार्रवाई का आधार यह है कि हेमंत ने टीवी एंकर के रूप में अपने पद का दुरुपयोग स्टॉक मूल्यों को प्रभावित करने के लिए किया, जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने सिफारिशों से लाभ कमाने के लिए ट्रेडिंग को अंजाम दिया।
कौन हैं हेमंत घई?
अब जानते हैं कि हेमंत घई आखिर कौन हैं? हेमंत किसी जमाने में मशहूर टीवी एंकर थे। वह CNBC आवाज के शो ‘स्टॉक 20-20’ को होस्ट करते थे। हेमंत के सोशल मीडिया पर सैकड़ों फॉलोअर्स थे और उन्हें सीएनबीसी पर भी उन्हें काफी फॉलो किया जाता था। E4M की रिपोर्ट के अनुसार, हेमंत 2004 से लेकर 2021 तक CNBC से जुड़े रहे। उन्होंने समर ट्रेनी के तौर पर शुरुआत की और स्टॉक एडिटर के रूप में अपनी पारी को विराम दिया। 2022 में भारत एक्सप्रेस ने हेमंत घई को न्यूज डायरेक्टर, स्टॉक्स, जनरल मार्केट एवं बिजनेस सेगमेंट के पद पर नियुक्त किया था।
कैसा खेला पूरा खेल?
हेमंत घई पर पहले भी फ्रंट रनिंग के आरोप लगे थे। गोपनीय सूचना के आधार पर फायदा कमाना फ्रंट रनिंग के दायरे में आता है, जो सेबी द्वारा प्रतिबंधित है। चूंकि हेमत घई बाजार की दुनिया का बड़ा नाम थे और एक प्रतिष्ठित चैनल से जुड़े हुए थे, इसलिए उनकी सलाह को लोग सटीक मानकर मार्केट में पैसा लगाते थे। इसी का लाभ उठाकर घई ने अपना बैंक बैलेंस मजबूत किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेमंत घई रोज निवेशकों को ऐसे शेयर खरीदने की सलाह देते थे, जिन्हें वे एक दिन पहले ही खरीद चुके होते थे। उनकी सलाह पर शेयर खरीदे जाते, तो कीमत बढ़ जाती। इसके बाद हेमंत अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेते। वह इसका उल्टा भी करते थे। कहने का मतलब है कि वह किसी शेयर को बेचने की सलाह देते। एकदम से बड़ी संख्या में बिकवाली से उस शेयर की कीमत गिर जाती, तो हेमंत खुद उसे खरीद लेते। इस तरह से उन्हें सस्ते में अच्छे शेयर मिल जाया करते। कुल मिलाकर वह अपनी पोजीशन का फायदा उठाकर निवेशकों को जाल में फंसाते थे।
क्या करें निवेशक?
वैसे हेमंत घई इस खेल में अकेले नहीं हैं। निवेशकों को फंसाकर अपनी जेब भरने वाले लगातार बाजार में सक्रिय रहते हैं। सेबी समय-समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करता रहता है. लेकिन घई जैसे एक्सपर्ट्स की बातों में आकर जिनका पैसा डूब गया, वो वापस नहीं मिलता। इसलिए बाजार में निवेश किसी की सलाह पर नहीं बल्कि अपने ज्ञान और अध्ययन के आधार पर करें। यदि आपको किसी की सलाह चाहिए तो सर्टिफाइड एक्सपर्ट्स पर ही भरोसा करें। हेमंत घई पर सेबी की ताजा कार्रवाई जहां धोखाधड़ी करने वालों के लिए एक सबक है। वहीं, निवेशकों के लिए एक सीख है कि ऐसे ही किसी की बातों में आकर पैसा न लगाएं।
यह भी पढ़ें – विज्ञापन एजेंसियों की नींद उड़ाने वाला CCI कौन, कैसे करता है काम? जानें हर सवाल का जवाब