Impact On India Tariff War Between China and US : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का असर भारत पर दिखाई दे सकता है। दरअसल, अमेरिका से चीन से आने वाले सामान पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया है। इस कारण से चीन जो भी सामान अमेरिका भेजेगा, उसे उस पर ज्यादा टैक्स देना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह फैसला चुनावी माहौल के बीच देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लिया है। अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन अपनी चीजों को बेचने के लिए भारत की ओर रुख कर सकता है। यह बात Global Trade Research Initiative (GTRI) ने कही।
For years, the Chinese government has cheated by pouring money into Chinese companies which then dump cheap products onto the market, hurting competitors who play by the rules.
---विज्ञापन---I’m announcing tariffs that will ensure American workers are not held back by unfair trade practices. pic.twitter.com/JHdJ6EcXWr
— President Biden (@POTUS) May 14, 2024
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EV पर 100 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) समेत कई चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी में 100 फीसदी तक का इजाफा किया है। बाइडेन के इस फैसले का असर 18 बिलियन डॉलर के ट्रेड पर पड़ सकता है। अमेरिका ने जिन चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है, उनमें EV के अलावा बैटरी, सोलरसेल, स्टील-एल्यूमीनियम, मिनरल्स आदि शामिल हैं।
चीन पर यह पड़ेगा असर
अमेरिका की तरफ से इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद चीन को ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। ऐसे में चीन अपनी चीजों को दुनिया के दूसरे देशों में बेच सकता है। इसमें भारत पर सबसे ज्यादा नजर रहेगी। अमेरिका ने EV पर इंपोर्ट ड्यूटी 25 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दी है। वहीं लीथियम बैटरी पर 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी है। सेमीकंडक्टर पर भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। बाइडेन ने इस बढ़ोतरी का ऐलान व्हाइट हाउस में एक संबोधन के दौरान किया।
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भारत ही क्यों?
GTRI का कहना है कि अमेरिका की तरफ से इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद चीन अपनी चीजें भारत में बेच सकता है। कुछ दिन पहले GTRI की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन के साथ कारोबार में नंबर एक बना था। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने चीन के साथ सबसे ज्यादा कारोबार किया था। इससे पहले भारत का अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा कारोबार रहा है। ऐसे में GTRI का कहना है कि चीन भारत में इन चीजों को बेचने पर ज्यादा जोर दे सकता है।