Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए भारी टैरिफ लगाने का फैसला लिया है। भारत, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों को 2 अप्रैल से ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ देना होगा। फैसले के साथ ट्रंप का विवादास्पद बयान भी सामने आया है। ट्रंप ने कहा कि बाहरी देशों से यूएस आने वाला सामान ‘गंदा और घृणित’ होता है। माना जा रहा है कि दुनिया में ट्रंप के फैसले के बाद ट्रेड वार की स्थिति बन सकती है। इस पर एक्सपर्ट्स के बयान भी सामने आए हैं। अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन पर विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेवा का कहना है कि सैद्धांतिक रूप से पारस्परिक टैरिफ लगाने को लेकर ट्रंप जो कह रहे हैं, वह सही है। ANI से बातचीत में सचदेवा ने कहा कि अमेरिका की इंपोर्ट ड्यूटी लगभग ढाई फीसदी है।
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वहीं, यूरोपियन यूनियन की इंपोर्ट ड्यूटी लगभग साढ़े 7 फीसदी है। वहीं, चीन की साढ़े 8 और भारत की लगभग 9 प्रतिशत है। इससे व्यापार का ढांचा गड़बड़ा सकता है। भारत के लिए ज्यादा चिंता की बात यह है कि अमेरिका स्टील और एल्युमीनियम निर्यात पर टैरिफ लगा सकता है। अगर इसे बढ़ाया जाता है तो भारत के निर्यात में 30-50% की कमी आ सकती है। भारत करीब एक बिलियन डॉलर (8705 करोड़) का एल्युमीनियम और 500 मिलियन डॉलर (4352 करोड़) का स्टील निर्यात करता है। इससे सीधा इसके निर्यात पर असर पड़ेगा। देखने वाली बात ये होगी कि ट्रंप किस कैटेगरी पर कितना टैरिफ लगाएंगे?
#WATCH | Delhi | On US President Donald Trump’s address during the joint session of US Congress, Foreign Affairs expert Robinder Sachdeva says, “In principle, what Trump is saying is correct (about imposing reciprocal tariffs)… But this will disturb the structure of trade… A… pic.twitter.com/3703FP2tRk
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 5, 2025
तेल की कीमतें कम करना रणनीति
सचदेवा के अनुसार ट्रंप की रणनीति तेल की कीमतें कम करना और परिवहन लागत कम करना है, जिससे अमेरिका में मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ट्रंप द्वारा उठाए गए कदमों से अमेरिका में अवैध प्रवासियों की दर में कमी आई है। अमेरिकी एजेंट अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार करने का पूरा दिखावा कर रहे हैं, ताकि दूसरे अवैध प्रवासियों में डर पैदा हो सके। एजेंटों का मकसद अमेरिका के नागरिकों को यह दिखाना है कि वे अपनी अभियान नीति पर काम कर रहे हैं।
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