UPI 2 Biggest Changes: डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने दो बदलाव किए हैं। इन बदलावों से न केवल आम लोगों की जिंदगी आसान होगी बल्कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी। बता दें कि इसमें कर भुगतान और ‘डेलीगेटेड पेमेंट्स’ फीचर शामिल है। आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं…
UPI के जरिए कर भुगतान की लिमिट बढ़ी
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और नकद लेनदेन को कम करने के अपने अभियान के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए से कर भुगतान की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। पहले यह सीमा 1 लाख रुपये प्रति लेनदेन थी।
इस निर्णय से बड़े मूल्य के कर भुगतान करने वाले करदाताओं को काफी सुविधा होगी। अब उन्हें एक ही लेनदेन में अधिक राशि का भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। यह कदम डिजिटल भुगतान को और अधिक लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा और देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
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Delegated Payments फीचर
दूसरा बड़ा बदलाव UPI में एक नया “Delegated Payments” फीचर पेश किया गया है। आपने कभी सोचा है कि आप अपने बैंक खाते का इस्तेमाल किसी और को करने दें, जैसे कि आपके बच्चे या बुजुर्ग माता-पिता? अब यह संभव है! Delegated Payments के साथ, आप किसी दूसरे व्यक्ति को एक लिमिट तक अपने बैंक खाते से UPI लेनदेन करने की परमिशन दे सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको अपने बैंक खाते से जुड़ा एक अलग UPI आईडी बनाने की आवश्यकता नहीं है।
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इससे क्या फायदा होगा?
बच्चों और बुजुर्गों के लिए आसानी: अब बच्चों को पॉकेट मनी लेने के लिए या बुजुर्गों को दैनिक जरूरतों के लिए भुगतान करने के लिए किसी पर डिपेंड रहने की जरूरत नहीं है। इस सुविधा से UPI का उपयोग और बढ़ेगा, क्योंकि अब अधिक से अधिक लोग इसे अपनाएंगे।
कैसे करता है काम?
यह सुविधा आपको किसी अन्य व्यक्ति को आपके बैंक खाते से जुड़े UPI आईडी का यूज करने की परमिशन देती है। आप इस लिमिट को अपनी सुविधा के अनुसार सेट कर सकते हैं।