Transforming Uttar Pradesh: बुंदेलखंड और पूर्वांचल को उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाकों के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन इलाकों में विकास की गंगा बहाने के लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी का हब बनने के साथ ही यहां डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार नोएडा से भी बड़ा औद्योगिक कॉरिडोर बुंदेलखंड में बनाने जा रही है।
कनेक्टिविटी होगी और बेहतर
बुंदेलखंड और पूर्वांचल को लेकर प्रदेश की सरकार की जो योजना है, उससे आने वाले समय में इन इलाकों में नौकरियों की बरसात होना तय है। सरकार ने इन इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर बनाने पर भी काफी काम किया है। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ने की योजना है। इसके लिए CM ने 13 अरब रुपए की मंजूरी भी दे दी है। इस योजना के अमल में आने से न केवल बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा।
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हर इलाके पर है नज़र
योगी सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में नोएडा से भी बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बीडा यानी बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण बनाने की है। इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है। CM योगी आदित्यनाथ की नज़र प्रदेश के हर छोटे-बड़े इलाके पर है। वह सभी क्षेत्रों के लिए विकास के समान अवसर उत्पन्न करने पर काम कर रहे हैं। सरकार की पिछली कई योजनाएं बताती हैं कि यूपी के हर इलाके में काम हो रहा है।
फायदे में रहेगा गोरखपुर
गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार के आसपास जहां खेती मुश्किल काम है, वहां सरकार एक नई इंडस्ट्रियल सिटी बना रही है। इसके पूरा होने पर गोरखपुर को काफी फायदा होगा। माना जा रहा है कि इंडस्ट्रियल सिटी के अस्तित्व में आने से यूपी का यह शहर पटना और काठमांडू के बीच निवेश का सबसे बड़ा हब बन सकता है। सरकार गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर लगभग 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित कर रही है।
SCR पर तेजी से चल रहा काम
प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पास के 5 जिलों को मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) पर तेजी से काम हो रहा है। सरकार की योजना लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1162 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क और लखनऊ-अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के 40 एकड़ में IT पार्क, STP पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर आदि बनाने की है, इससे लखनऊ भी अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर पाएगा।