Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास की सबसे बड़ी मांग को पूरा करते हुए उसे उम्मीद से ज्यादा दे दिया है। 12 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री किया गया है, जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। यह तय माना जा रहा था कि आयकर में छूट मिलेगी, लेकिन इतनी बंपर छूट का अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। हालांकि, कुछ मांगें ऐसी भी रहीं, जिनपर वित्त मंत्री ने कोई गौर नहीं किया।
महंगे पेट्रोल-डीजल से निजात नहीं
पेट्रोल-डीजल के दाम इस समय आसमान पर हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये के पार चल रहा है और डीजल भी ज्यादा पीछे नहीं है। लोगों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा फ्यूल पर खर्च हो जाता है। इसके अलावा, चढ़ती महंगाई उसकी परेशानियों में इजाफा कर देती है। ऐसे में उम्मीद थी कि वित्त मंत्री जनता को इस मोर्चे पर राहत पहुंचाने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी कर सकती हैं। दरअसल, माना जा रहा था कि बजट में एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान हो सकता है। यदि ऐसा होता, तो पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो जाते। अभी पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है।
इंश्योरेंस प्रीमियम पर नहीं घटा GST
माना जा रहा था कि बजट में वित्त मंत्री हेल्थ और टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST को कम कर सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल, इन पर 18% GST लगता है। इंश्योरेंस एक्सपर्ट्स ने सरकार को GST कम करने का सुझाव दिया था, ताकि कम प्रीमियम से लोगों को बीमा प्रोडक्ट्स खरीदने की तरफ आकर्षित किया जा सके। 18% GST के चलते बीमा काफी महंगा हो गया है।
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रेल किराये में नहीं मिली छूट
सीनियर सिटीजन के लिए वित्त मंत्री ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं, लेकिन उनकी एक मांग को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। काफी समय से वरिष्ठ नागरिक रेल किराये में मिलने वाली छूट बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कोरोना महामारी से पहले तक सीनियर सिटीजन को रेल किराये में छूट मिलती थी, जिसे कोरोना के दौरान बंद कर दिया गया। उम्मीद थी कि बजट में इस संबंध में कोई घोषणा हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
महिलाओं की भी टूटी यह आस
महिलाओं को उम्मीद थी कि बजट में सरकार महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना में निवेश का समय बढ़ा सकती है। इस योजना में महिलाएं केवल 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकती हैं और अधिकतम 2 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। योजना में महिलाओं को सालाना 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना 31 मार्च 2025 को खत्म होने जा रही है। अगर बजट में इसे बढ़ाया जाता, तो महिलाओं को फायदा होता।
5-डेज बैंकिंग पर फैसला नहीं
देशभर के बैंकर्स की उम्मीद भी बजट में पूरी नहीं हुई है। बैंक कर्मचारी और यूनियन लंबे समय से सरकार से पांच दिनों की बैंकिंग की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बैंकों में बढ़ते कामकाज को ध्यान में रखते हुए उन्हें भी सप्ताह में 5 दिन कामकाज की अनुमति दी जानी चाहिए। मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंकों में पहले और तीसरे शनिवार काम होता है। दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी रहती है। सरकार बैंकों के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर कर चुकी है, ऐसे में उम्मीद थी कि वित्त मंत्री 5-डेज बैंकिंग पर कोई घोषणा कर सकती हैं, मगर ऐसा नहीं हुआ।