Gold Import Duty: देश का बजट पेश होने में अब बहुत कम समय बचा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। इस बीच, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने सरकार से सोने पर आयात शुल्क न बढ़ाने का अनुरोध किया है। काउंसिल का कहना है कि पिछले साल जुलाई में सोने पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के फैसले का उद्योग पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में अगर गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाती है, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
मिला है काफी फायदा
WGC में भारत के क्षेत्रीय सीईओ सचिन जैन ने कहा कि बजट 2025 में आयात शुल्क में किसी भी तरह की वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से तस्करी में वृद्धि हो सकती है, घरेलू सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं और इंडस्ट्री को पीछे की ओर धकेला जा सकता है। उन्होंने कहा कि जुलाई में इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती से इंडस्ट्री को काफी फायदा मिला था, उस फायदे को बनाए रखने के लिए बजट में आयात शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए।
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सभी का सहयोग जरूरी
सचिन जैन ने आगे कहा कि यह जरूरी है कि सरकार, उद्योग जगत और वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारक इस सकारात्मक गति को बनाए रखने के लिए सहयोग करें। एक तालमेलपूर्ण माहौल को बढ़ावा देकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि गोल्ड इंडस्ट्री लगातार फलती-फूलती रहे, इनोवेशन करती रहे और भारत के आर्थिक विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती रही।
GDP में इतना योगदान
बजट से अपेक्षा पर जैन ने कहा कि उन्हें पिछले दशक की तरह ही प्रगतिशील, लोगों के अनुकूल और इंडस्ट्री का समर्थन करने वालीं नीतियों की घोषणा की उम्मीद है। गोल्ड इंडस्ट्री देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में अनुमानित 1.3 प्रतिशत का योगदान देती है और बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न करती है। पिछले साल जुलाई में सोने पर कुल सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया था।
गैरकानूनी आयात में कमी
WGC का दावा है कि जुलाई 2024 में लिए गए फैसले से गैर कानूनी रूप से होने वाले सोने के आयात में कमी आई है। इस दौरान, आधिकारिक चैनलों को स्थिर किया गया है और सोने की घरेलू खरीद को बढ़ावा मिला है। सोने पर करों में कमी से उद्योग अधिक संगठित और पारदर्शी हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप मार्केट में मजबूती आई है।
बजट सत्र 31 जनवरी से
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और तय कार्यक्रम के अनुसार 4 अप्रैल को समाप्त होगा। देश का बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। जबकि 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को आएगा। इस बजट पर पूरे देश की निगाह टिकी है। यह बजट कमजोर जीडीपी आंकड़ों और अर्थव्यवस्था में कमजोर खपत के बीच आ रहा है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि वित्तमंत्री के पिटारे से इसके लिए क्या निकलता है।