Union Budget 2024: 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय में अधिकारियों को हलवा बांटकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट बनने की प्रक्रिया का आगाज कर बता दिया कि 1 फरवरी को बजट का एलान होने वाला है। हालांकि ये बजट अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए पूर्णकालिक नहीं है। पूर्णकालिक बजट का ऐलान अप्रैल-मई 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद किया जाएगा।
निर्मला की न के बावजूद मिडिल क्लास को है कुछ उम्मीद
इसको लेकर वित्त मंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि चुनावी साल में सरकार अल्पकालिक (वोट ऑन अकाउंट) बजट पेश करती है और इसके जरिए भारत के कुल राजकोष से कुछ पैसे खर्च करने की इजाजत लेती है। पैसों की ये निकासी नई सरकार बनने और चुनाव में होने वाले आधिकारिक खर्चों का वहन करती है।
भले ही वित्त मंत्री ने आगामी बजट में किसी बड़ी घोषण की संभावना से इंकार किया है लेकिन हम उम्मीद कर सकते हैं कि अर्थव्यवस्था और टैक्स स्लैब के मिले जुले फैसलों का संगम देखने को मिले। आगामी बजट की बात करें तो सरकार की प्राथमिकता राजकोषीय घाटे पर नजर रखते हुए डिजिटल और फिजिकल इनफ्रस्टाक्चर को मजबूत करने पर होगी।
नए इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाना चाहती है सरकार
इनकम टैक्स को लेकर केंद्र सरकार ने पिछले साल ही नए टैक्स स्लैब का लॉन्च किया था जिसके तहत कर दाताओं को 7 लाख रुपये तक की आय पर कर से छूट दी गई। हालांकि पिछले एक साल में 10 प्रतिशत से भी कम लोगों ने नए टैक्स स्लैब को चुना और बाकी के 90 प्रतिशत लोग पुराने टैक्स स्लैब को ही पसंद कर रहे हैं। वहीं सरकार नए टैक्स स्लैब में ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स को शामिल करना चाहती है।
छूट के दायरे में एचआरए और होम लोन इंटरेस्ट
मिडिल क्लास में ज्यादातर लोग सैलरीड हैं और नए टैक्स स्लैब में हाउस रेंट अलाउंस और खुद के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी पर लिए गए होम लोन पर छूट नहीं मिलने के चलते आज भी पुराने टैक्स स्लैब को ही पसंद कर रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए उसके सिर पर छत होना बहुत जरूरी है और अगर नए टैक्स स्लैब को आकर्षक बनाना है तो एचआरए और होम लोन के तहत होने वाले किसी भी खर्च को छूट के दायरे में लाना होगा।
टैक्स स्लैब में रिवाइज हो एजुकेशन अलाउंस
पुराने टैक्स स्लैब में दो बच्चों वाली न्यूक्लियर फैमिली को प्रति बच्चे की शिक्षा पर खर्च होने वाला अलाउंस 100 रु महीना और होस्टल खर्च का अलाउंस 300 रु महीना है। शिक्षा में होने वाले खर्च पर मिलने वाली छूट के दायरे को कई सालों से नहीं बदला गया है, ऐसे में लगातार महंगी होती एजुकेशन को देखते हुए इस अलाउंस को बदलने की बड़ी जरूरत है। इतना ही नहीं घर के किराए की तरह ही बच्चे की शिक्षा भी बुनियादी जरूरत बन चुकी है तो ऐसे में नए इनकम टैक्स स्लैब में इसे भी छूट के दायरे में शामिल करना चाहिए।
सरकार ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम पर किसी भी तरह के दान को पुराने टैक्स स्लैब के सेक्शन 80जी के तहत ही छूट दी है। सरकार को नए टैक्स स्लैब के तहत भी इसे लागू करना चाहिए।