Union Budget 2023: मोदी सरकार (Modi Govt) की ओर से आज केंद्रीय बजट 2023 (Union Budget 2023) संसद में पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सदन में कहा कि सरकार ने 2023-24 में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.3 प्रतिशत होगा।
वर्ष 2019-20 के मुकाबले 3 गुना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि यह परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा, जो वर्ष 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना है। उन्होंने कहा कि इससे विकास परियोजनाओं में पर्याप्त वृद्धि के साथ विकास क्षमता भी बढ़ेगी। साथ रोजगार सृजन के नए मौकों के साथ निजी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
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4.6 फीसदी की वृद्धि दर से बढ़ रहा कृषि क्षेत्र
माना जा रहा है कि इससे विपरीत वैश्विक परिस्थियों में काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर भी ध्यान दिया है। इन क्षेत्रों के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि देश का कृषि क्षेत्र पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से आगे बढ़ रहा है।
पेपर लैस बजट पेश हुआ
उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा पीएम मत्स्य योजना की एक उप-योजना भी शुरू करेगी। बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण ने अपना बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह इस केंद्रीय बजट 2023-24 को भी कागज रहित (पेपरलैस) पेश किया गया है।
वित्त मंत्री के साथ मौजूद रहे ये लोग
जानकारी की मानें तो इस साल का बजट काफी मायने रखता है, क्योंकि अप्रैल-मई 2024 में अगला लोकसभा चुनाव होना है। स्थापित परंपरा के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य मंत्रियों पंकज चौधरी, भागवत कराड और वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। सीतारमण की ओर से पेश किया गया यह पांचवां बजट है।
बता दें कि मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6 से 6.8 प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद है।
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क्या है पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure)
आम भाषा में समझें तो पूंजीगत व्यय परिव्यय (Capital Expenditure Outlay) बजट का काफी अहम हिस्सा है। इसका तात्पर्य है, देश में विकास परियोजनाओं पर होने वाला खर्च। जैसे विकास कार्यों के लिए राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की ओर से पैसा दिया जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार अपनी ओर से भी कई विकास योजनाओं को आकार देता है। केंद्रीय बजट 2023 में इस पूंजीगत व्यय को बढ़ाया गया है।
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