साल 2025 में पूरे साल डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का हंटर चलता रहा. लेकिन इसके बावजूद नवंबर में भारत का एक्सपोर्ट बढ़ा है. इसके साथ ही ट्रेड डेफिसिट पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया है. बता दें कि ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ का दबाव बनाकर रखा है. इसके बावजूद नवंबर में एक्सपोर्ट बढ़कर $38.1 बिलियन हो गया है. यानी इसमें 19.4% की बढ़ोतरी हुई है.इसके साथ ही भारत का एक्सपोर्ट छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इसमें सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के शिपमेंट में बढ़ोतरी हुई है.
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ट्रेड डेफिसिट कम हुआ
इस दौरान ट्रेड डेफिसिट घटकर $24.6 बिलियन हो गया. जून के बाद से ये सबसे कम है. क्योंकि इंपोर्ट 2% घटकर $62.7 बिलियन हो गया. इंपोर्ट में यह कमी इस दौरान सोने, कच्चे तेल, कोयले और कोक की आने वाली शिपमेंट में कमी के कारण हुई है. कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ के बावजूद, हम अपने एक्सपोर्ट को बनाए रखने में कामयाब रहे हैं. इसके साथ इंपोर्ट भी बढ़ रहा है (38% बढ़कर $5.3 बिलियन), जो भारत-अमेरिका व्यापार के लिए एक अच्छी बात है. बता दें कि अक्टूबर में 41.68 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड ट्रेड डेफिसिट देखा गया था.
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सोने और कच्चे तेल का आयात घटा
सोने का इंपोर्ट 59.15 प्रतिशत घटकर $4 बिलियन हो गया, जबकि कच्चे तेल का इंपोर्ट 11.27 प्रतिशत घटकर $14.11 बिलियन हो गया. इंपोर्ट में कमी के कारण नवंबर में ट्रेड डेफिसिट कम हुआ, इससे पहले जून में यह सबसे कम $18.78 बिलियन था.
चीन बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन
नवंबर में चीन नीदरलैंड को पीछे छोड़कर भारत का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बन गया, हालांकि अप्रैल-नवंबर की अवधि में नीदरलैंड थोड़ी बढ़त बनाए हुए था.
एक्सपर्ट की मानें तो छुट्टियों के बाद सप्लाई चेन नॉर्मल होने और त्योहारों के बाद कंज्यूमर डिमांड कम होने से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी और इंपोर्ट में कमी आई है.
नवंबर में एक्सपोर्ट का अच्छा प्रदर्शन अक्टूबर की 12% गिरावट के बाद हुआ, जिसका संबंध US टैरिफ से था. डेटा जारी होने से पहले कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि नवंबर की एक्सपोर्ट ग्रोथ ने अक्टूबर की कमी को पूरा कर दिया है. मार्केट एनालिस्ट्स कहते हैं कि अलग-अलग सेक्टर के एक्सपोर्टर एक्टिव रूप से मार्केट डायवर्सिफिकेशन स्ट्रैटेजी अपना रहे थे.










