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बढ़ती Wine इंडस्ट्री के बीच Sula Vineyards के तिमाही नतीजे क्यों रहे कमजोर?

Indian Wine Industry Growth: सुला वाइनयार्ड्स अंगूर से कई तरह की वाइन बनाती है। कंपनी की वाइन महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में जाती है, जिनकी काफी डिमांड रहती है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 6, 2025 15:31
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Sula Vineyards Weak Q3 Results: देश की वाइन इंडस्ट्री में हाल के वर्षों में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। दरअसल, वाइन पीने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे खपत बढ़ रही है और इंडस्ट्री की सेहत मजबूत हो रही है। इस फील्ड में सुला वाइनयार्ड्स बड़ा नाम है। कंपनी महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में अपने प्रोडक्ट सप्लाई करती है। कंपनी कई तरह की वाइन बनाती है, जिन्हें काफी पसंद किया जाता है। हालांकि, डिमांड में रहने के बावजूद कंपनी के तिमाही नतीजे अच्छे नहीं आए हैं।

प्रॉफिट गिरा, कमाई हुई कम

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सुला वाइनयार्ड्स के नेट प्रॉफिट में 34.9% की भारी गिरावट आई है। यह 43 करोड़ से घटकर 28 करोड़ रुपये रह गया है। इस गिरावट से कंपनी के शेयरों को भी बड़ा झटका लगा है। आज दोपहर 2 बजे तक सुला वाइनयार्ड्स के शेयर तीन प्रतिशत से अधिक के नुकसान के साथ 351.40 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। कंपनी का रेवेन्यू भी 1.4% घटकर 200 करोड़ और EBITDA 26.1% घटकर 53 करोड़ रह गया है। हालांकि, 9M FY25 के आधार पर यानी नौ महीने के आंकड़े कंपनी के लिए कुछ हद तक सुकून देने वाले हैं।

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ये हैं कमजोर नतीजों के कारण

बढ़ते वाइन बाजार में कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजों से यह सवाल भी उठता है कि आखिर इसकी वजह क्या है? कंपनी का कहना है कि तीसरी तिमाही में सुस्त वृद्धि के तीन प्रमुख कारण हैं – शहरी क्षेत्रों में खपत में कमी, महाराष्ट्र में चुनाव संबंधी व्यवधान और डिंडोरी यूनिट में WIPS क्रेडिट कैप्चर का पिछले साल के मुकाबले 4.7 करोड़ रुपये कम होना। बता दें कि WIPS महाराष्ट्र सरकार की वाइन औद्योगिक प्रोत्साहन योजना (WIPS) है। पिछले साल सरकार ने इस योजना को पांच साल के लिए लागू करने का निर्णय लिया था।

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खर्चे कम करने पर है जोर 

सुला वाइनयार्ड्स अंगूर से कई तरह की वाइन बनाती है। इसमें सफेद, लाल, गुलाब और स्पार्कलिंग वाइन शामिल हैं। कंपनी के पोर्टफोलियो में प्रीमियम और इकोनॉमी दोनों तरह की वाइन हैं। दिसंबर तिमाही में सुला के प्रीमियम सेगमेंट में 3% की वृद्धि देखी गई, जबकि इकोनॉमी सेगमेंट में 5.5% की गिरावट आई। सुला अब अपमे मार्जिन को बढ़ाने के लिए डिस्काउंट खत्म कर रही है। कंपनी ने 1 जनवरी, 2025 से प्रमुख राज्यों में बिक्री और वितरण व्यय में कटौती शुरू कर दी है। ऐसे में अगली तिमाही के नतीजे बेहतर आने की उम्मीद है।

कई राज्यों तक पहुंच

कंपनी महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और चंडीगढ़ में अपनी वाइन की सप्लाई करती है। 9M FY25 में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाहर कंपनी का रेवेन्यू 8% बढ़ा है। सुला वाइनयार्ड्स की शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से हुई, जो देश में अंगूर उत्पादन का बड़ा केंद्र है। महाराष्ट्र में देश का 70.67% और कर्नाटक में 24.49% अंगूर का उत्पादन होता है। इन राज्यों से बड़े पैमाने पर अंगूर दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है।

तेजी से बढ़ेगा मार्केट

दुनिया के हिसाब से भारत में वाइन खपत काफी कम है, लेकिन इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में वाइन का सबसे ज्यादा उत्पादन यूरोपीय देशों में होता है। इटली, फ्रांस और स्पेन की इसमें अच्छी खासी हिस्सेदारी है। एशिया की बात करें, तो चीन में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। भारत में वाइन का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन नासिक में होता है। नासिक को देश की वाइन कैपिटल भी कहा जाता है। भारत में वाइन मार्केट 2027 तक 30.92% कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 06, 2025 03:31 PM

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