Bee Farmer Subhash Kamboj: 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा के सुभाष कांबोज वीआईपी मेहमान होंगे। केंद्र सरकार की तरफ से कांबोज को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। वह VIP गैलरी में बैठकर गणतंत्र दिवस की परेड देखेंगे। सुभाष कांबोज 25 से 28 जनवरी तक दिल्ली में भारत सरकार के मेहमान रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सुभाष कांबोज की तारीफ कर चुके हैं। चलिए जानते हैं कि सुभाष कांबोज कौन हैं और PM मोदी उनसे क्यों प्रभावित हैं?
आज एक अलग पहचान
हरियाणा के यमुनानगर निवासी सुभाष कांबोज एक मधुमक्खी पालक हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर मधुमक्खी पालन से खूब शौहरत और दौलत कमाई है। 1996 से पहले तक कांबोज एक प्राइवेट स्कूल टीचर थे, लेकिन आज उनकी एक अलग पहचान है। वह 27 किस्म के शहद बनाते हैं, जिनकी भारत से लेकर विदेशों तक में काफी डिमांड है।
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कई बार हुए सम्मानित
सुभाष कांबोज मधुमक्खी पालन में कितना बड़ा नाम हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ में दो बार उनका जिक्र कर चुके हैं। उन्हें कई बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा भी मधुमक्खी पालन के लिए सम्मानित किया गया है। PM मोदी ने 2021 में कहा था कि हरियाणा के यमुनानगर में सुभाष कांबोज रहते हैं। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया था। उन्होंने केवल छह बॉक्स के साथ अपना काम शुरू किया और आज करीब दो हजार बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। वैज्ञानिक तरीके से किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
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ऐसे हुई थी शुरुआत
सुभाष कांबोज ने मधुमक्खी पालन की शुरुआत व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि शुद्ध शहद पाने के लिए की थी। उन्होंने अपने घर के पास 6 बॉक्स में मधुमक्खी पालन शुरू किया, कुछ वक्त बाद उन्होंने देखा कि मधुमक्खियों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है। इसके बाद उन्होंने इसे व्यवसाय के तौर पर अपना लिया। कांबोज ने बताया कि उन्हें शुरुआत से ही अच्छी कमाई होने लगी थी। हरियाणा सरकार की मदद से उनका अच्छा खासा काम चल गया। धीरे-धीरे उन्होंने अपने बनाए शहद को देश के कई हिस्सों में भेजना शुरू किया और फिर विदेशों से भी ऑर्डर आने लगे।
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दूसरों को दे रहे ट्रेनिंग
कांबोज करीब 27 किस्म के शहद बनाते हैं, जिनकी काफी डिमांड है। उनका शहद हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ विदेशों में भी बिकता है। खासकर सरसों के फूलों से तैयार शहद की अमेरिका में अच्छी डिमांड रहती है। सुभाष कांबोज मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी देते हैं और अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को आत्मनिर्भर बना चुके हैं।
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इस तरह बढ़ा कारोबार
हरियाणा के सुभाष कांबोज ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया है और वह वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन करते हैं। पिछले कुछ सालों में उनका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से बढ़कर 6 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने 1996 में एक परिचित से 5500 रुपये उधार लेकर छह बॉक्स में मधुमक्खी पालन से शहद उत्पादन शुरू किया था। आज उनके पास 2000 से ज्यादा बॉक्स हैं। वह विभिन्न प्रकार के फूलों से 27 तरह के शहद तैयार करते हैं।
काफी बड़ा है बाजार
सुभाष कांबोज के अनुसार, शहद के स्वास्थ्य लाभों ने उनके लिए एक बड़ा बाजार तैयार किया है। खासकर कोरोना महामारी के दौरान इसकी डिमांड में एकदम से उछाल आया था। वह अपने खेतों में 40-50 टन शहद का उत्पादन करते हैं। बता दें कि कांबोज 31 जुलाई 2022 को उस समय सुर्खियों में आए थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनका दूसरी बार जिक्र किया था।
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