शेयर बाजार आज भी डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से प्रभाव में दिखाई दे रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले हैं। सेंसेक्स में करीब 3000 अंकों की गिरावट आई है और निफ्टी 900 अंकों से अधिक गिरा है। इससे पहले, पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भी मार्केट लाल निशान पर बंद हुआ था। ट्रंप टैरिफ के चलते दुनियाभर के बाजारों में भूचाल आ गया है।
हर जगह बुरा हाल
आज सोमवार को एशियाई शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले हैं। जापान, हॉन्ग कॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े मार्केट्स में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर सख्त टैरिफ लगा दिए हैं। इससे ट्रेड वॉर की आशंका मजबूत हो गई है। दुनियाभर के निवेशक घबराट में जमकर बिकवाली कर रहे हैं और बाजार गिर रहे हैं। अमेरिकी बाजार में भी कत्लेआम मचा हुआ है। पिछले सत्र में डाओ फ्यूचर्स 1000 प्वाइंट से ज्यादा फिसला था।
5 ट्रिलियन डॉलर डूबे
हांगकांग के बााजर में करीब 10% की गिरावट देखने को मिली है। चीन का शंघाई 5% दबाव के साथ खुला है। इसी तरह, सिंगापुर, ताइवान और जापान के बाजारों ने भी बड़ी गिरावट का सामना किया है। जापान के निक्केई को करीब 6% का नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ, अमेरिकी बाजार की बात करें, डाओ फ्यूचर्स 1000 अंक गिरा, जबकि एसएंडपी फ्यूचर्स और नैस्डैक फ्यूचर्स 3% लुढ़क गए। इस गिरावट से अमेरिकी निवेशकों के 5 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 420 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है।
भविष्य को लेकर चिंता बढ़ी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैरिफ के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होंगी और इसका कॉर्पोरेट अर्निंग पर असर पड़ेगा। इस आशंका से निवेशक घबरा गए हैं। इसलिए वे बिकवाली पर अधिक जोर दे रहे हैं, जिससे बाजार गिर रहा है। उनके अनुसार, एशिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका को आयात पर काफी ज्यादा निर्भर हैं। ऐसे में टैरिफ से उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार की गिरावट दर्शाती है कि निवेशक इंटरनेशनल ट्रेड के भविष्य को लेकर कितने चिंतित हैं।