शेयर बाजार रिकवरी मोड में दिखाई दे रहा है। पिछले पांच सत्रों से मार्केट में लगातार तेजी आई है। BSE सेंसेक्स इस दौरान 3.52% और NSE निफ्टी 3.60% उछला है। जबकि इससे पहले दोनों इंडेक्स लगातार गोते लगा रहे थे। निफ्टी का इतिहास बताता है कि बड़ी गिरावट से बाहर निकलना उसे बखूबी आता है।
सुकून देने वाले आंकड़े
पिछले दो दशकों में 13 ऐसे मौके आए जब निफ्टी 10% से ज्यादा लुढ़का। इनमें से 11 बार निफ्टी ने महज एक साल के अंदर ही शानदार वापसी करते हुए पॉजिटिव रिटर्न दिया। इन 11 में से 9 बार रिकवरी डबल डिजिट में रही। ऐसे में उम्मीद लगाई जा सकती है कि बीते 5 महीनों के दबाव से निफ्टी जल्द बाहर निकलकर अच्छी स्थिति में पहुंच जाएगा। इतिहास में दर्ज यह आंकड़े न केवल निवेशकों को सुकून देते हैं, बल्कि बाजार में उनके विश्वास को भी बढ़ाते हैं।
निफ्टी की शानदार वापसी
ET की रिपोर्ट के अनुसार, 2005 में निफ्टी में करीब 11% की गिरावट आई और महज साल के अंदर ही इसने रिकवरी करते हुए शानदार रिटर्न दिया। इसी तरह, 2006 और 2007 में इंडेक्स क्रमश: 14%, 11% गिरा। दोनों ही बार इसने एक साल के भीतर रिकवर करते हुए 8 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की बढ़त हासिल की। 2013 में निफ्टी करीब 11% नीचे आया और 2014 में इसने 36% का रिटर्न दिया। 2015 में जरूर इंडेक्स दबाव से बाहर निकलने के अपने प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पाया। इस दौरान इसने 10% की डुबकी लगाई और एक साल की अवधि में यह 4% और नीचे चला गया। ऐसे ही 2019 में यह 10% गिरा और 2020 तक केवल 2% की रिकवरी ही कर पाया।
पिछले साल इतना गिरा
इस तरह, पिछले दो दशकों में 11 बार निफ्टी गिरावट के एक साल के भीतर बाउंसबैक करने में कामयाब रहा है। मार्च 2018 की 10% की गिरावट के जवाब में Nifty मार्च 2019 में 15% चढ़ गया। 2022 में भी यही प्रदर्शन देखने को मिला। पिछले साल यानी 2024 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के इस इंडेक्स में 10% की गिरावट आई थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या एक साल के भीतर निफ्टी रिकवरी करते हुए बड़ी छलांग लगा पाता है या नहीं?
मिल रहे हैं अच्छे संकेत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले पांच सत्रों से लगातार आ रही तेजी अच्छे संकेत हैं। उनके अनुसार, भारतीय बाजार फंडामेंटली मजबूत है। अर्थव्यवस्था को लेकर भी भरोसा कायम है। ऐसे में मार्केट के दबाव में बने रहने की कोई बड़ी वजह नजर नहीं आती। कई महीनों के दबाव के बाद जिस तरह से दोनों इंडेक्स प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे यह उम्मीद जगी है कि अगले कुछ महीनों में रिकवरी संभव है। हालांकि, यह भी देखना होगा कि अमेरिका से मार्केट का मूड बिगाड़ने वाली कोई खबर न आए।
2 अप्रैल का दिन अहम
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बाजार की सही दिशा 2 अप्रैल के बाद पता चलेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर रहे हैं। इससे तनाव बढ़ने की आशंका है। ऐसे में बाजार पर भी इस तनाव का असर देखने को मिल सकता है। इस बीच एक अच्छी बात यह है कि विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में फिर से खरीदारी शुरू कर दी है। पिछले काफी समय से वे भारत से पैसा निकालकर चीन के बाजार में लगा रहे थे।
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