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Trump Tariff: चीनी बाजार के बिखरने की थी आशंका, लेकिन खाली हो रही भारतीय निवेशकों की जेब!

Trump Tariff Policies Impact Indian Market: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राज शुरू होने से चीन के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार ज्यादा प्रभावित हुआ है। जबकि माना जा रहा था कि चीनी मार्केट सबसे अधिक प्रभावित होगा।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 15, 2025 11:27
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Stock Market News: डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसा तब है जब ट्रंप ने भारत को लेकर कोई टैरिफ संबंधी आदेश जारी नहीं किया है। जबकि वह चीन पर 10% टैरिफ लगा चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही कनाडा और मैक्सिको पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में कनाडा और मैक्सिको के आदेश पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी। चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है।

भारत को नुकसान ज्यादा?

डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सत्ता में वापसी को लेकर यह माना जा रहा था कि इससे भारत को सबसे ज्यादा फायदा होगा। विदेशी निवेशक चीन का साथ छोड़कर भारत में निवेश बढ़ाएंगे, लेकिन ऐसा अब तक होता नजर नहीं आया है। इस साल अब तक यानी 1 जनवरी से 15 जनवरी तक के आंकड़े बताते हैं कि ट्रंप के शासन में चीनी शेयर बाजार, भारत की तुलना में ज्यादा मजबूत हुआ है। इससे कहीं न कहीं यही लगता है कि ट्रंप की वापसी भारत के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। हमारे शेयर बाजार में निवेश करने वालों को बीते कुछ दिनों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

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इंडो-चाइना के मार्केट

ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, लेकिन उनके बयानों का असर दुनियाभर के बाजारों पर पहले से ही शुरू हो गया था। इस साल अब तक (YTD) दुनिया के प्रमुख बाजारों के हाल की बात करें, तो भारतीय बाजार की स्थिति काफी खराब रही है। सेंसेक्स इस दौरान 3.27% और निफ्टी 0.44% लुढ़का है। जबकि चीन के Shanghai Composite में 2.58% और Shanghai Shenzhen CSI 300 में 3.10% की बढ़त देखने को मिली है। चीनी मार्केट की टेक्निकल रेटिंग भी वैरी बुलिश बनी हुई है। यानी ट्रंप टैरिफ की चिंता के बावजूद इसमें और तेजी आ सकती है।

दूसरे प्रमुख बाजार

हांगकांग का Hang Seng Index इस दौरान 15.27% मजबूत हुआ है। जापान के Nikkei 225 में 0.40% की गिरावट और TOPIX में 0.10% की मजबूती आई है। यानी मिश्रित असर रहा है। सिंगापुर का Straits Times इंडेक्स भी 2% से ज्यादा मजबूत हुआ है। दक्षिण कोरिया के KOSPI इंडेक्स में इस साल अब तक 8.01% का शानदार उछाल आया है। ताइवान के TAIEX में 1.40% की तेजी देखने को मिली। जबकि थाईलैंड के बाजार में 7% से ज्यादा की गिरावट आई। गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिका के जिस कनाडा के साथ रिश्तों में सबसे ज्यादा टेंशन बढ़ी उसका S&P/TSX Composite इंडेक्स भी 2.35% चढ़ने में सफल रहा है।

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US मार्केट में खुशी

अमेरिकी बाजारों की बात करें, प्रमुख यूएस इंडेक्स Nasdaq Composite इस साल अब तक 3.87%, Dow Jones 5.08% और S&P 500 4.19% की मजबूती हासिल कर चुका है। यानी डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापस लौटने से यूएस स्टॉक मार्केट खुश है। भारतीय शेयर बाजार में रौनक कब लौटेगी, फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है। हालांकि, उम्मीद है कि PM मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के मद्देनजर बाजार अगले कुछ दिनों में लाल रंग का साथ छोड़ सकता है।

आई अच्छी खबर

इस बीच, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में विदेशी निवेशकों का चीनी बाजार से मोह भंग हो सकता है। CLSA ने चीन के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार को अच्छा बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि CLSA ने चीन के शेयर बाजार में रणनीतिक आवंटन की अपनी पूर्व की सलाह को वापस ले लिया है और भारत पर 20% ओवरवेट का रुख अपनाया है। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ग्लोबल ट्रेड वार तेज हो सकती है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 15, 2025 11:27 AM

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