स्टार्टअप महाकुंभ 2025 का 5 अप्रैल को नई दिल्ली में समापन हो गया। इस भव्य आयोजन में देशभर से इनोवेटर्स, निवेशक, नीति-निर्माता और युवा उद्यमी शामिल हुए, लेकिन सबसे खास GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) का योगदान रहा। GeM इस बार सिर्फ एक भागीदार नहीं बल्कि एक परिवर्तनकारी शक्ति बनकर उभरा। इस दौरान भारत की इनोवेशन आधारित उद्यमिता के क्षेत्र में बढ़ती ताकत को प्रदर्शित किया गया। GeM ने सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए एक प्रभावशाली अवसर का मंच प्रदान किया।
GeM Pavilion में स्टार्टअप्स के लिए नई संभावनाएं
GeM का योगदान सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं बल्कि यह परिवर्तनकारी भी था। ऊर्जा और निरंतर संवाद से भरा GeM मंडप लोगों की गतिविधि का केंद्र बन गया। इस दौरान 2,500 से ज्यादा स्टार्टअप क्यूरी के समाधान और 1,000 से ज्यादा नए पंजीकरण किए गए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत के नए दौर के उद्यमी सार्वजनिक खरीद को एक व्यवहार्य और शक्तिशाली विकास चैनल के रूप में देख रहे हैं। GeM का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लिए अवसरों का उद्घाटन था।
सरकारी खरीद को सरल और सुलभ बनाना
GeM ने स्टार्टअप्स, निवेशकों, और सरकारी अधिकारियों से सीधी बातचीत के माध्यम से यह संदेश दिया कि सरकारी खरीद अब सिर्फ एक नौकरशाही प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय अवसर है, जो समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक है। पूरे कार्यक्रम के दौरान मंच ने स्टार्टअप संस्थापकों, उद्यम पूंजीपतियों, इनक्यूबेटरों और प्रमुख सरकारी हितधारकों के साथ सीधे संपर्क किया।
GeM के सीईओ अजय भादू ने कही ये बात
इस कार्यक्रम की कई खास विशेषताओं में डीपटेक, बायोटेक, एग्रीटेक, एआई, गेमिंग और मेडटेक जैसे क्षेत्रों में भारत की स्टार्टअप ताकत को प्रदर्शित करने वाले विविध क्षेत्रीय मंडप शामिल थे। इंटरैक्टिव मेंटरिंग सेशन, रियल-टाइम सपोर्ट, ग्रुप ऑनबोर्डिंग वर्कशॉप और लाइव डेमो ने स्टार्टअप्स को जटिलताओं को समझने के लिए एक इमर्सिव अनुभव तैयार किया। GeM के सीईओ अजय भादू के मुख्य भाषण ने कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘आइए हम सब मिलकर काम करें और स्टार्टअप विकास, समावेशी विकास और आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने में सार्वजनिक खरीद की वास्तविक क्षमता को उजागर करें।’
30 स्टार्टअप ‘स्टार्ट-ओ-नॉट्स चैलेंज’ के विजेता बने
इनोवेशन को पुरस्कृत करने के अपने निरंतर प्रयास में GeM ने अपने मंडप में 70 से अधिक स्टार्टअप को भी प्रदर्शित किया। इनमें से 30 ने ‘स्टार्ट-ओ-नॉट्स चैलेंज’ के विजेता बने और और उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए कंप्लीमेंट्री पॉड दिए गए। ये पॉड केवल दिखावे के लिए नहीं थे, इसने युवा कंपनियों को सरकारी खरीदारों और संभावित सहयोगियों के साथ सीधे बातचीत करने का अमूल्य अवसर दिया, जिससे प्रभावशाली साझेदारी के लिए एक बेस तैयार हुआ।
38500 करोड़ रुपये की खरीद, 30000 स्टार्टअप जुड़े
GeM का बढ़ता योगदान एक बड़े पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है, जिसे भारत सरकार ने पिछले एक दशक में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया है। इनमें स्टार्टअप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और फंड ऑफ फंड्स शामिल हैं। अब तक GeM ने 30,000 से ज्यादा स्टार्टअप से 38,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के सार्वजनिक खरीद लेनदेन की सुविधा प्रदान की है। स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में इसका शानदार प्रदर्शन सिर्फ पिछली उपलब्धियों का प्रतिबिंब नहीं था बल्कि यह आने वाले समय के लिए एक लॉन्चपैड था। कई मायनों में GeM ने महाकुंभ की भावना दूरदर्शिता, सहयोग और उद्देश्य को मूर्त रूप दिया।
2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत
आज भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है और GeM का योगदान इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। GeM और अन्य सरकारी प्लेटफॉर्म्स स्टार्टअप्स के लिए न केवल नए अवसर खोल रहे हैं बल्कि डिजिटल सार्वजनिक संरचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रौद्योगिकी और विकास के नए रास्ते भी प्रदान कर रहे हैं। GeM की सफलता उस व्यापक योजना का हिस्सा है जो भारत सरकार पिछले दशक से चला रही है। स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत 2016 में हुई थी। इसमें टैक्स छूट, सेल्फ-सर्टिफिकेशन और 10,000 करोड़ रुपये का फंड ऑफ फंड्स जैसे लाभ शामिल हैं।