नई दिल्ली: एयरलाइन्स स्पाइसजेट ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने 80 पायलटों को बिना वेतन के तीन महीने की छुट्टी पर जाने के लिए कहा है। गुड़गांव मुख्यालय स्थित एयरलाइन ने कहा कि यह कदम लागत को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक अस्थायी उपाय है।
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एयरलाइन ने कहा, ‘यह उपाय, जो स्पाइसजेट की किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने की नीति के अनुरूप है, जिसका एयरलाइन ने कोविड महामारी के चरम के दौरान भी लगातार पालन किया।’
जिन पायलटों को बिना वेतन छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर किया गया है, वे एयरलाइन के बोइंग और बॉम्बार्डियर बेड़े से हैं। इससे पहले मंगलवार को, आर्थिक रूप से संकटग्रस्त एयरलाइन के फैसले को लेकर पायलटों के एक वर्ग में हड़कंप मच गया।
एक पायलट ने पीटीआई को बताया, ‘एयरलाइन के वित्तीय संकट के बारे में हमें पता था लेकिन अचानक फैसले ने हममें से कई लोगों को झकझोर दिया है। तीन महीने बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में भी अनिश्चितता है। कोई आश्वासन नहीं है कि छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर लोगों को वापस बुलाया भी जाएगा या नहीं।’
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सेवारत और स्पाइसजेट के पूर्व कर्मचारियों के अनुसार, जिनसे पीटीआई ने बात की, यह पहली बार है जब एयरलाइन ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर पायलटों को जबरन छुट्टी पर भेजा है।
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