बाजार नियामक सेबी ने गौतम अडाणी समूह को बड़ी राहत दी है. सेबी ने अडाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए स्टॉक हेरफेर के आरोपों को खारिज कर दिया है. सेबी ने बताया कि अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच पूरी हो चुकी है और आरोप साबित नहीं हुए है. सेबी के मुताबिक न तो नियमों का उल्लंघन हुआ, न ही मार्केट मैन्युपलेशन या इनसाइडर ट्रेडिंग के सबूत मिले हैं.
हिंडनबर्ग मामले में लगे आरोप नहीं हुए साबित
सेबी ने अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट देते हुए अपने अंतिम आदेश में कहा कि हिंडनबर्ग मामले में अडाणी ग्रुप पर लगे आरोप साबित नहीं हो सके है. रिपोर्ट के मुताबिक न तो नियमों का उल्लंघन हुआ है न ही मार्केट मैन्युपलेशन या इनिसाइडर ट्रेडिंग के सबूत मिले हैं. इसके साथ ही गौतम अडाणी, उनके भाई राजेश अडाणी, अडानी पोर्ट्स, अडाणी पावर, एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड को बड़ी राहत मिली है.
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अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की ओर से गौतम अडाणी पर लगाए गए सभी आरोपों को मार्केट रेगुलेटर सेबी ने निराधार पाया. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप लगाया था, लेकिन सेबी को कंपनी के खिलाफ को सबूत नहीं मिला.
गौतम अडानी ने क्या कहा?
SEBI द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद गौतम अडाणी ने भी ट्वीट किया. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, एक विस्तृत जांच के बाद, सेबी ने अपनी इस बात की पुष्टि की है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे. पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अडाणी समूह की पहचान रही है. हम उन निवेशकों के दर्द को गहराई से समझते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और प्रेरित रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया. झूठे दावे फैलाने वालों को देश से माफी मांगनी चाहिए. भारत के संस्थानों, भारत के लोगों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है.
सत्यमेव जयते! जय हिंद!