नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले में रुपये (Rupee vs Dollar) में गिरावट का दौर बदस्तूर जारी है। आज रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर (Rupee at Record Low) पर पहुंचा गया है।
अभी पढ़ें – Honda कर्मचारियों को झटका! जो बोनस दिया गया उसको अब दोबारा वापस मांग रही है कंपनी
आज (26 September) को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 55 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 81.54 रुपए पर खुला है। इससे पहले पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार यानी 23 सितंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की कमजोरी के साथ 80.99 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
Rupee slips further by 56 paisa against US Dollar; opens at a record low of 81.54/$ pic.twitter.com/aqVVVJZpnX
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) September 26, 2022
जानकारों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में ताजा गिरवाट की वजह वजह यूएस फेड के द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाया जाना है। वहीं विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा है। इसके अलावा कच्चे तेल के दामों में मजबूती और निवेशकों की जोखिम न लेने की प्रवृत्ति ने भी रुपये को प्रभावित किया है।
No let-up in Rupee depreciation; touches another lifetime low
Read @ANI Story | https://t.co/o21r6xTrZb#Rupee #RupeeVsDollar #DollarIndex #USFed #MonetaryPolicy #Inflation #Dollar pic.twitter.com/t6VuLJRdxq
— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2022
महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार तीसरी बार ब्याज दरें बढ़ी हैं। गौरतलब है कि यूएस फेड ने मंहगाई को नियंत्रित करने के 0.75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर बढ़ाया है। इससे अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ाकर 3-3.25 फीसदी हो गई है।
यूएस फेड के द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रही है। गौरतलब रुपये की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय बैंक ने जुलाई में 19 अरब डॉलर के रिजर्व को बेच दिया था। लेकिन स्थिति बहुत बेहतर नहीं हुई है।
अभी पढ़ें – Calories बर्न करें और पाएं 1 महीने का बोनस, इस कंपनी ने कर्मचारियों को दिया फिटनेस चैलेंज
गौरतलब है कि रुपये की कीमत इसकी डॉलर के तुलना में मांग और आपूर्ति से तय होती है। इसके साथ ही देश के आयात और निर्यात पर भी इसका असर पड़ता है। हर देश अपने विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाले सामानों का भुगतान करता है। हर हफ्ते रिजर्व बैंक इससे जुड़े आंकड़े जारी करता है। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति क्या है, और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।
अभी पढ़ें – बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here – News 24 APP अभी download करें