ReshaMandi: इन दिनों कई कंपनियों ने कर्मचारियों को निकाला है। हर सेक्टर में खूब लेऑफ हो रहे हैं, दौरान लाखों लोगों ने अपनी रोजी रोटी गंवाई हैं। हाल ही में ReshaMandi को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ReshaMandi को रेशम धागा उत्पादों में विशेषज्ञता रखने वाले स्टार्टअप के तौर पर जाना जाता है। Entrackr की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की वेबसाइट पिछले सप्ताह से ऑफलाइन है। इसके पहले कंपनी पैसे की किल्लत के चलते कर्मचारियों को काम से निकाल चुकी है।
फंड्स की कमी होने के नाम पर कंपनी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता ही नहीं दिखाया, बल्कि कंपनी के कर्मचारियों को उनके पूरे वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है। अब इसकी साइट का यूं पिछले हफ्ते से ऑफलाइन होना कंपनी के बंद होने की और इशारा करता है।
ऑडिटर का इस्तीफा
कर्मचारियों को निकालने की खबरें तो सामने आ रही थीं लेकिन कंपनी के ऑडिटर ने भी इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद से ही कंपनी ऑफलाइन है। जानकारी के मुताबिक, वित्तीय कठिनाइयों और सीरीज बी फंडिंग को सुरक्षित करने में विफलता के कारण कर्मचारियों की कटौती हुई। इसी के साथ लेनदारों और विक्रेताओं के साथ उनकी कानूनी लड़ाई चल रही थी।
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इसके अलावा मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने इस बात की जानकारी दी है कि रेशमंडी के लिए सब कुछ खत्म हो गया है। कंपनी पिछले कई महीनों से देनदारियों का भुगतान करने और वेतन सहित इसको चलाने में लगी लागत को वहन करने के लिए भी संघर्ष कर रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ReshaMandi के पूर्व ऑडिटर वॉकर चंडियोक एंड कंपनी एलएलपी ने पिछले महीने इस्तीफा देने से पहले कई मुद्दे उठाए थे। ऑडिटर के बयान के अनुसार, रेशामंडी के सीटीओ और संस्थापक, सौरभ कुमार अग्रवाल ने कंपनी की वित्तीय कठिनाइयों को स्वीकार किया। इन चुनौतियों के कारण परिचालन में कमी और कर्मचारियों की कटौती हुई है।
80% कर्मचारियों को निकाला
रेशामंडी के प्रवक्ता ने भी कंपनी के हालात पर बात करते हुए कहा कि रेशमंडी कुछ वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रही है। हम इस स्थिति से मजबूती से बाहर निकलने और जल्द ही पटरी पर वापस आने में विश्वास रखते हैं। आपको बता दें कि रेशमंडी ने इस साल जून में 80% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।