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रेपो रेट से कैसे घटती-बढ़ती है EMI, जानें Repo Rate का बैंक लोन से सीधा कनेक्शन क्या?

Repo Rate Loan EMI Connection: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट पर बड़ा फैसला लिया है। रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन और EMI से है। बैंकों को मिलने वाले लोन और बैंकों द्वारा लोगों को दिए जाने वाले लोन से कनेक्शन है, आइए जानते हैं कैसे?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 9, 2025 10:31
Bank Loan Emi
Bank Loan Emi

Repo Rate Connection to Bank Loan EMI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) में रेपो रेट को लेकर अहम फैसला लिया। बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कमेटी मेंबरों से विचार विमर्श करने के बाद फैसला लिया कि रेपो रेट में कटौती कर दी जाए। अब रेपो रेट को 25 प्वॉइंट से घटाकर 6 कर दिया गया है। इससे पहले भी इसे 25 प्वॉइंट घटाकर 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर कर दिया गया था। इससे पहले RBI ने फरवरी 2023 में रेपो रेट बदली थी। उस समय रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत  बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था। 2023 के बाद अब 2025 में इसे 2 बार में  50 बेसिस पॉइंट घटाया गया है।

 

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रेपो रेट में बदलाव का लोगों से क्या कनेक्शन?

बता दें कि रेपो रेट में बदलाव होने का सीधा कनेक्शन आम जनता से है। अगर रेपो रेट बढ़ेगी तो लोगों को ज्यादा EMI भरनी पड़ेगी और रेपो रेट घटेगी तो कम EMI देनी पड़ेगी। रेपो रेट RBI के लिए महंगाई से निपटने का तरीका है। रेपो रेट पर केंद्रीय बैंक अन्य बैंकों को लोन देता है। जब महंगाई बढ़ती है तो बैंक रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करते हैं। रेपो रेट बढ़ती है तो बैंकों को केंद्रीय बैंक से मिलने वाला लोन महंगा हो जाता है।

बैंकों को लोन महंगा मिलता है तो वे लोगों को भी लोग महंगी ब्याज दरों पर देते हैं। वहीं मनी फ्लो कम होने से डिमांड घटती और महंगाई घटती है। इसके विपरीत जब इकोनॉमी बुरे दौर में होती है तो रेपो रेट घटाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया जाता है। रेपो रेट घटने से बैंकों को मिलने वाला लोन सस्ता होता और बैंक भी सस्ता लोन देते। मनी फ्लो बढ़ने से डिमांड बढ़ती है और महंगाई भी बढ़ती है। हालातों के अनुसार बैंक इसमें बदलाव करता है।

 

First published on: Apr 09, 2025 10:25 AM

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