RBI Guidelines: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फोनपे, पेटीएम, जोमैटो, अमेजोन पे समेत 32 पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. पेमेंट एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिए गए हैं. लाइसेंस अनिवार्य करने समेत 6 नियमों में बदलाव किया गया है, जिनका पालन करना भी अनिवार्य किया गया है. अगर गाइडलाइन फॉलो नहीं हुई तो कंपनियों को कार्रवाई होने और परिणाम झेलने की चेतावनी भी दी गई है.
STORY | RBI issues guidelines regulating payment aggregators
As per the Reserve Bank of India (Regulation of Payment Aggregators) Directions, 2025, payments aggregators are categorised into three categories as per the work they undertake.
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3 कैटेगरी में बांटी गई कंपनियां
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को उनके द्वारा किए जाने वाले कामों के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है. इनमें फिजिकल PA के लिए PA-P, क्रॉस बॉर्ड PA के लिए PA-CB, ऑनलाइन PA के लिए PA-O शामिल हैं. किसी बैंक को PA बिजनेस के लिए ऑथराइजेशन की जरूरत नहीं होती है, लेकिन नॉन-बैंकों के लिए RBI ने नियम निर्धारित कर दिए हैं. RBI के यह नए निर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब देश में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है.
लाइसेंस लेना किया गया अनिवार्य
बता दें कि रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता और साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ाने पर फोकस किया है. क्योंकि आज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का काफी चलन है तो लोग साइबर और ऑनलाइन फ्राॅड का शिकार भी बन रहे हैं, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है. इसके बिना कोई कंपनी ट्रांजेक्शन सर्विस नहीं दे पाएगी. अगर नियम और आदेश का उल्लंघन हुआ तो कंपनी और उसकी सर्विस को बंद कर दिया जाएगा.
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इन नियमों का पालन भी जरूरी
पहले कंपनियों के लिए मिनिमम नेटवर्थ 15 करोड़ रुपये का नियम था, जिसका लक्ष्य मार्च 2021 तक हासिल करना और इसे भविष्य में बनाए रखना था, लेकिन अब नया नियम यह होगा कि मिनिमम नेटवर्थ 15 करोड़ रहेगी, लेकिन अगले 3 साल के अंदर इसे बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करना होगा. मौजूदा पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने की समयसीमा कई बार बढ़ाई गई है, लेकिन अब सभी पेमेंट एग्रीगेटर्स को 31 दिसंबर तक लाइसेंस के लिए आवेदन अनिवार्य रूप से जमा करना होगा.
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अगर नए नियमों का पालन नहीं किया गया तो अब रियायत नहीं मिलेगी, बल्कि 28 फरवरी 2026 तक के लिए सर्विस बंद कर दी जाएगी. अब क्रॉस-बॉर्डर लेन-देन सिर्फ 25 लाख रुपये तक किया जा सकेगा. अब ट्रांसफर किए गए पैसे को एस्क्रो अकाउंट में सेफ रखना होग.