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अब आसानी से नहीं मिलेगा गोल्ड लोन, RBI गवर्नर ने दिए संकेत! इन कंपनियों के शेयर लुढ़के

गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ी है, इसकी एक बड़ी वजह यह है कि दूसरे लोन की तुलना में गोल्ड लोन लेना आसान है। हालांकि, अब शायद ऐसा न रहे, क्योंकि RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिया है कि गोल्ड लोन के नियमों को सख्त बनाया जाएगा।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 9, 2025 13:05
Gold Loan

गोल्ड लोन (Gold Loan) को लेकर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कुछ ऐसा कहा है कि इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है। इसी टेंशन में कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि गोल्ड लोन पर जल्द ही नए नियम जारी किए जाएंगे।

क्या कहा मल्होत्रा ने?

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC) दोनों ही गोल्ड लोन देते हैं। अब सभी संस्थाओं के लिए एक समान और व्यापक नियम बनाए जाएंगे। इसका मतलब है कि गोल्ड लोन के नियम अब पहले से ज्यादा सख्त हो सकते हैं। पिछले महीने भी यह बात सामने आई थी कि रिजर्व बैंक गोल्ड लोन को लेकर मिल रही शिकायतों के मद्देनजर इससे जुड़े नियम सख्त कर सकता है।

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इन शेयरों में गिरावट

RBI गवर्नर के इस बयान के बाद गोल्ड लोन देने वाली कंपनी मुथूट फाइनेंस (Muthoot Finance) के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। कंपनी के शेयर दोपहर साढ़े 12 बजे तक 5.29% टूट चुके थे। इसी तरह, IIFL फाइनेंस और मन्नापुरम फाइनेंस के शेयरों में भी गिरावट है। IIFL 2.19% और मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance) का 1.58% के नुकसान के साथ कारोबार कर रहा। अभी तो RBI से नियमों में सख्ती की केवल खबर आई है, जब इस पर अमल होगा तब इन कंपनियों के स्टॉक्स और भी नीचे पहुंच सकते हैं।

बैकग्राउंड जांच पर जोर

पिछले महीने खबर आई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक गोल्ड लोन के नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रहा है। RBI गोल्ड लोन देने वाली संस्थाओं को कड़ी अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं का पालन करने और फंड के अंतिम उपयोग की निगरानी करने का निर्देश दे सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि RBI चाहता है कि बैंक और नॉन -बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां यानी NBFC गोल्ड लोन लेने वालों के बैकग्राउंड की जांच बढ़ाएं और गिरवी रखे जा रहे सोने के स्वामित्व की सटीक जानकारी हासिल करें।

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क्या चाहता है RBI?

RBI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि संस्थाएं एक मानक प्रोटोकॉल का पालन करें और गोल्ड लोन सेक्टर में कोई भी ग्रोथ सीमा से बाहर न हो। रिजर्व बैंक की कोशिश अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं पर अंकुश लगाने और वित्तीय स्थिरता की रक्षा करने की है, इसलिए गोल्ड लोन के नियमों को सख्त किया जा सकता है। पिछले साल सितंबर में RBI ने कहा था कि उसे गोल्ड लोन में कई अनियमितताएं मिली हैं और उसने ऋणदाताओं से कहा कि वे नियामक खामियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए अपनी ऋण देने की प्रक्रियाओं की व्यापक समीक्षा करें।

मिली हैं कई खामियां

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने लोन सोर्सिंग और गोल्ड वैल्यूएशन के मूल्यांकन में कमियों की पहचान की है और यह पाया है कि सभी संस्थाएं मानकीकृत नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। पिछले 12 से 16 महीनों में किए गए ऑडिट में केंद्रीय बैंक ने NBFC लेंडर्स के पोर्टफोलियो में अनियमितताएं और सोने के बदले दिए जा रहे लोन अमाउंट की निगरानी में खामियां पाईं हैं। RBI ने यह भी पाया है कि बैंकों के फिनटेक एजेंट सोना इकट्ठा कर रहे थे, उसका भंडारण कर रहे थे और उसका वजन कर रहे थे, ये ऐसे काम हैं जिन्हें ऋणदाताओं (Lenders) को करना चाहिए। इसके अलावा, ऋणदाताओं ने बिना कर्जदारों को बताए सोने की नीलामी भी कर दी, जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया था।

यह भी पढ़ें – RBI ने रेपो रेट में की 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती, लोन सस्ते होने का रास्ता साफ

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Edited By

Neeraj

First published on: Apr 09, 2025 01:04 PM

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