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दाल का स्वाद बिगाड़ रही महंगाई, सरकार के प्रयासों से कीमतों में आई थोड़ी नरमी

Pulses Prices in Market : त्योहारों के सीजन में आम लोगों के लिए राहत की खबर है। पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर उठाए गए कदमों का महंगाई पर असर दिख रहा है। सरसों तेल और रिफाइंड ऑयल के बाद अब दाल की कीमत में भी थोड़ी नरमी देखी जा रही है। पिछले दिनों दाम […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Oct 2, 2023 15:53
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Pulses Prices in Market

Pulses Prices in Market : त्योहारों के सीजन में आम लोगों के लिए राहत की खबर है। पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर उठाए गए कदमों का महंगाई पर असर दिख रहा है। सरसों तेल और रिफाइंड ऑयल के बाद अब दाल की कीमत में भी थोड़ी नरमी देखी जा रही है। पिछले दिनों दाम के सातवें आसमान पर पहुंचनी लगी थी।

मंडियों में दलहन की मांग में नरमी

दरअसल केंद्र सरकार दाल समेत रसोई के सामानों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए पिछले दिनों कई कदम उठाएं हैं। इस कदम का असर दलहन और दाल की कीमत पर पड़ी है। साथ ही दाल की मांग कमी देखी आई है और इसके कारण दलहन के‌ साथ-साथ दालों की कीमत में नरमी देखी जा रहा है। अनाज मंडियों में दलहनों की मांग कमी के कारण मू़ंग, तुअर, उड़द के भाव थोड़े गिरे हैं। हालांकि अभी भी खुदरे में उड़द दाल 100 से 120 रुपये, मूंग दाल 120 रुपये रुपये किलो की दर से बिक रही है। जबकि अरहर दाल सबसे ज्यादा महंगी 160 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।

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मांग में कीमत का कीमत पर असर

चना 6350 से 6400 रुपये खुलने के बाद 6300 से 6350 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। जबकि मूंग 9100 से 9900 रुपये के बीच खुलने के बाद 7500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया, हालांकि बाद में संभलकर यह 8800 से 9700 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा।

वहीं तुअर 9500 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच खुलने के बाद 9500 से 11,900 रुपये स्तर पर रही। वहीं उड़द 9,000 से 9,300 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर खुलने के बाद 9,000 से 9,200 रुपये स्तर पर आ गया। जबकि मसूर 6,300 से 6,350 रुपये के बीच खुलकर 6,250 से 6300 रुपये के स्तर पर बंद हुई।

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सरकार ने बढाई स्टॉक लिमिट की समय सीमा

किराने के सामान के बढ़ते दाम पर लगाम और रसोई को महंगाई के तड़के से बचाने के लिए सरकार स्टॉक लिमिट का फॉर्मूला अपना रही है इसका असर भी दिख रहा है। केंद्र सरकार ने तूर (Tur Dal) और उड़द दाल (Urad Dal) के स्टॉक लिमिट की समय सीमा को 30 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने होलसेलर और बिग चेन रिटेल्स के लिए भी लिमिट को कम कर दिया है।

जमाखोरों पर सरकार की नजर

सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट 50 टन, बिग चेन के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 50 टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 टन स्टॉक लिमिट कर दिया है। दरअसल जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने इसी साल 2 जनवरी को तूर और उड़द के पर स्टॉक लिमिट लगा दी थी। साथ ही सरकार लगातार जमाखोरों पर नजर रख रही है।

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Pankaj Mishra

First published on: Oct 02, 2023 03:42 PM

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