अडाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन प्रीति अडाणी को आज दत्ता मेघे इंस्टीटयूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, वर्धा द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ. अदानी को संस्थान के 16वें दीक्षांत समारोह के दौरान यह सम्मान मिला है। इस कार्यक्रम में उनको मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर डॉ. अडानी ने कहा कि मुझे यह डॉक्टरेट की उपाधि स्वीकार करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। यह मेरी मान्यता है कि सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है।
बता दें कि डॉ. प्रीति अडाणी को फरवरी 2020 में सामाजिक कल्याण में उनके असाधारण योगदान के लिए गुजरात लॉ सोसायटी यूनिवर्सिटी की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा डॉ. प्रीति को जनवरी 2019 में रोटरी क्लब पालनपुर द्वारा बनास रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा फरवरी 2022 में फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन अवार्ड फॉर एक्सीलेंस फॉर सोशल इंपैक्ट से सम्मानित किया गया।
1996 में हुई थी अडाणी फाउंडेशन की स्थापना
गौरतलब है कि डॉ. प्रीति ने गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, अहमदाबाद से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हासिल की थी। 1996 में डॉ. प्रीति अडाणी ने शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए अदानी फाउंडेशन की स्थापना की। इसके बाद से ही डॉ. प्रीति ने इसका सफलता पूर्वक मार्गदर्शन किया है। फिलहाल अडाणी फाउंडेशन दुनिया के सबसे प्रभावशाली गैर-सरकारी संगठनों में से एक है।
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अडाणी फाउंडेशन ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 1000 लखपति दीदी महिलाओं को सम्मानित किया था। फाउंडेशन ने अडाणी सोलर में कार्यरत 614 से अधिक महिलाओं को भी सम्मनित किया, जिसमें तकनीकी सहयोगी और इंजीनियर भी शामिल हैं।
जानें क्या है अडाणी फाउंडेशन
1996 से अदाणी समूह सामाजिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, स्थायी आजीविका, जलवायु कार्रवाई और सामुदायिक विकास के मुख्य क्षेत्रों में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और हाशिए के समुदायों के जीवन को सशक्त और समृद्ध बना रहा है। फाउंडेशन की रणनीतियों को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों में एकीकृत किया गया है। अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 21 राज्यों के 6,769 गांवों में काम कर रहा है, जो 9,1 मिलियन लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
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