नई दिल्ली: देशभर में महंगाई लगातार बढ़ रही है और इसका असर हर ओर दिखाई दे रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दूध की बढ़ती कीमतों के कारण तीन में से एक भारतीय परिवार या तो ब्रांड डाउनग्रेड कर रहा है या खपत कम कर रहा है।
दूध की कीमतों में वृद्धि की शिकायतों के जवाब में स्थानीय सोशल मीडिया नेटवर्क, लोकलसर्किल द्वारा एक अध्ययन किया गया था। इसमें यह पता लगाया गया कि घर कैसे समायोजित हो रहे हैं।
21,000 से अधिक लोगों ने अध्ययन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ये देश भर के 311 जिलों से थे और उनमें से 69% पुरुष थे। एक-स्तरीय जिलों में उत्तरदाताओं का 41%, द्वि-स्तरीय जिलों में 34%, और त्रि-स्तरीय, चार-स्तरीय और ग्रामीण जिलों में 25% का योगदान था।
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दूध और दूध से बने उत्पाद, जैसे दही, मक्खन, घी और छाछ, अधिकांश भारतीय घरों में सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से हैं। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) की ‘डेयरी एंड प्रोडक्ट्स एनुअल – 2021’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, बल्कि दूध और दूध उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है।
हाल ही में अधिकांश दुग्ध कंपनियों दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर थी। पिछले कुछ महीनों में कंपनियों ने अपने दामों में दोबारा बढ़ोतरी की है।
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