Difference Between New Pan Card and Old Pan Card: पैन कार्ड का इस्तेमाल तो सभी करते हैं। खासकर आर्थिक मामलों से जुड़े मामलों में पैन कार्ड होना अनिवार्य है। मगर अब केंद्र सरकार पैन कार्ड में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसे PAN 2.0 प्रोजेक्ट का नाम दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी इस परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। तो आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार को आखिर नए पैन कार्ड बनाने की जरूरत क्यों पड़ी और यह नया पैन कार्ड पुराने से कितना अलग होने वाला है?
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का कुल खर्चा
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने PAN 2.0 से जुड़ी कई जानकारियां साझा की हैं। खबरों की मानें तो इस प्रोजेक्ट को साकार करने में 1,435 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा। हालांकि यह प्रोजेक्ट कितने समय में पूरा होगा? इससे जुड़ी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
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PAN 2.0 की जरूरत क्या?
PAN 2.0 परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का हिस्सा है। दरअसल व्यापार जगत के लोग पिछले काफी समय से सामान्य व्यवसाय पहचानपत्र की मांग कर रहे थे। वर्तमान में व्यापारियों को 3-4 अलग-अलग आइडेंटीफायर रखने पड़ते हैं, जिन्हें नए पैन कार्ड में ही मिला दिया जाएगा।
पुराने पैन कार्ड से कैसे होगा अलग?
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव के अनुसार नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड लगाया जाएगा। यह पूरी तरह से पेपरलेस और ऑनलाइन प्रणाली पर आधारित होगा। इस क्यूआर कोड में लोगों की सारी जरूरी जानकारियां मौजूद रहेंगी। PAN 2.0 लागू होने के बाद पैन डाटा वॉल्ट सिस्टम भी अनिवार्य हो जाएगा।
कैसे बनेगा PAN 2.0?
PAN 2.0 बनाने के लिए आपको पैन नंबर बदलवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। PAN 2.0 में भी पुराना पैन नंबर की मान्य होगा। हालांकि इस परियोजना के तहत लोगों को नया पैन कार्ड मिलेगा, जिसमें क्यूआर कोड जैसी डिजिटल सुविधा मौजूद रहेगी। नया पैन कार्ड बनवाने के लिए किसी धनराशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। पैन का अपग्रेडेशन पूरी तरह से निशुल्क होगा और इसे लोगों के पते पर डिलीवर किया जाएगा।
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