New Leave Rule: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने वार्षिक बजट भाषण के दौरान कई घोषणाएं कीं। सुर्खियां बटोरने वाली नई छुट्टी नकदीकरण छूट बड़ी घोषणाओं में से एक थी। एफएम सीतारमण ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण पर कर छूट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये से 25 लाख रुपये करने का सुझाव दिया।
राजस्व सचिव, संजय मल्होत्रा ने कुछ दिनों बाद बताया कि 30 प्रतिशत प्लस पर 22 लाख रुपये का लाभ मोटे तौर पर 7 लाख रुपये बनता है। मल्होत्रा के अनुसार, यदि छूट 30-35 वर्षों तक जाती है, तो यह प्रति वर्ष 20,000 रुपये से अधिक हो जाती है।
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मल्होत्रा का अनुमान है कि वेतनभोगी वर्ग व्यक्तिगत आयकरदाताओं का 50 प्रतिशत बनाता है। इसलिए, चाहे लोग नई कर प्रणाली को अभी चुनें या आज की पुरानी, नई छुट्टी नकदीकरण छूट उनके सेवानिवृत्त होने पर उनकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि एम्स में कार्यरत कर्मचारियों सहित सरकारी कर्मचारियों को भी नई ‘लीव इनकैशमेंट’ छूट से लाभ होगा।
अवकाश नकदीकरण क्या है?
भारत में प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति देश के श्रम कानूनों के तहत प्रति वर्ष न्यूनतम सवैतनिक अवकाश का हकदार है। हालांकि, एक कर्मचारी किसी दिए गए वर्ष में अगर उन सभी छुट्टियों का उपयोग नहीं कर पाता है तो यह बची हुई छुट्टी आम तौर पर अगले वर्ष के लिए रोलओवर कर दी जाती हैं। नतीजतन, जब कोई कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है या इस्तीफा देता है, तो उनको उन छुट्टी के बदले पैसे दिए जाते हैं।