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‘मैंने खुद 85-90 घंटे काम किया’; Narayana Murthy ने बताया अपनी सफलता का राज, बोले- गरीबी से बचने का एक तरीका है…

Narayana Murthy Success Tips: सप्ताह में कितने घंटे काम करने चाहिएं, यह सलाह देने के बाद अब इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने अपनी सफलता के राज बताए हैं, आप भी जानिए।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Dec 9, 2023 14:24
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Infosys Co-Founder Narayana Murthy
Infosys Co-Founder Narayana Murthy

Infosys Co-Founder Narayana Murthy Success Tips: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को सलाह दी थी कि सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचना है। चीन को पीछे छोड़ना है तो सप्ताह में कम से कम 70 घंटे काम करना चाहिए। वर्क प्रोडक्टिविटी बढ़ानी होगी। इस सलाह पर देशभर से आई प्रतिक्रियाओं को देखते हुए नारायण मूर्ति अब एक बार फिर सामने आए हैं। अब उन्होंने देश के युवाओं को अपनी सफलता का राज बताया। उन्होंने कहा कि मुझे मेरे माता-पिता ने एक मंत्र दिया था और मैंने खुद अपने वर्किंग डेज में सप्ताह में 85 से 90 घंटे काम किया, जिसका नतीजा आज मैं हूं और यह कोई बर्बादी नहीं है।

 

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घंटे देखकर काम नहीं करें, बस मेहनत करें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नारायण मूर्ति कहते हैं कि आज जो भी देश समृद्ध हुआ है, उसने कड़ी मेहनत से यह मुकाम पाया है। चीन आज नंबर एक देश है, क्योंकि वहां मेहनत की जाती है। कड़ी मेहनत और घंटों काम किया जाता है। मैंने खुद अपनी कंपनी की स्थापना करते समय घंटों काम किया था। 1994 तक सप्ताह में 85 से 90 घंटे से अधिक काम करता था। सुबह 6:20 बजे ऑफिस में होता था और रात 8:30 बजे ऑफिस छोड़ देता था और हफ्ते में 6 दिन काम करता था। माता-पिता ने सिखाया था कि गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका बहुत, बहुत कड़ी मेहनत करना है। ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति घंटे देखकर काम न करे।

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कार्य उत्पादकता बढ़ाकर ही सफलता पाएंगे

नारायण मूर्ति कहते हैं कि मैंने 40 साल करियर को दिए। सप्ताह में 70 घंटे से अधिक घंटे काम किया। यह कोई बर्बादी नहीं है। अगर भारत चीन और जापान जैसे सबसे तेजी से बढ़ते देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है तो उसे कार्य उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी और जापान के लोगों ने अपने देश की खातिर अतिरिक्त घंटों तक काम किया। भारत के नौजवान देश के मालिक हैं और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन अभी इसमें कसर है। ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने मूर्ति से सहमति जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए कम काम करने और अपना मनोरंजन करने का समय नहीं है।

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कुछ उद्यमियों ने सुझाव से असहमति जताई

एक्स पर पोस्ट लिखकर अग्रवाल ने कहा कि मैं नारायण मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। यह समय कम काम करने और अपना मनोरंजन करने का नहीं है, बल्कि यह वे पल हैं, जब हम सब कुछ करें और एक ही पीढ़ी में वह बनाएं, जो अन्य देशों ने कई पीढ़ियों में बनाया है। उद्योगपति सज्जन जिंदल ने भी कहा कि वह मूर्ति के बयान का तहेदिल से समर्थन करते हैं। 5 कार्यदिवसीय सप्ताह की संस्कृति वह नहीं है, जिसकी भारत जैसे तेजी से विकास कर रहे देश को जरूरत है। वहीं कई लोग इस बयान से पूरी तरह सहमत नहीं थे। फिल्म निर्माता रोनी स्क्रूवाला ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाना केवल लंबे समय तक काम करना नहीं हो सकता।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Dec 09, 2023 01:50 PM

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