Tax Saving Tips: इनकम टैक्स पर भले ही कुछ राहत मिल गई हो, लेकिन तमाम तरह के ऐसे टैक्स हैं जिनका भुगतान आपको करना ही होता है। जैसे कि शेयर बाजार से होने वाली इनकम पर टैक्स देना पड़ता है। यदि आप प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो उस पर भी टैक्स लगता है। आप कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आते हैं। हालांकि, प्रॉपर्टी पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स में राहत पाने के कुछ तरीके भी हैं, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
क्या निवेश अनिवार्य है?
मान लीजिए आप एक 3BHK फ्लैट के मालिक हैं और उसे बेच रहे हैं। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या प्रॉपर्टी सेल से मिलने वाले पैसों को किसी दूसरी प्रॉपर्टी में निवेश करना अनिवार्य है? रेडिट गुरु की एक रिपोर्ट में फाइनेंशियल प्लानिंग एक्सपर्ट के. रामलिंगम ने इस सवाल का जवाब दिया है।
क्या कहता है कानून?
रामलिंगम के अनुसार, प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। कम से कम दो साल के बाद बेची गई कोई भी प्रॉपर्टी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) की दर इंडेक्सेशन के साथ 20% है। लिहाजा कैलकुलेशन इस प्रकार होगी:
LTCG = बिक्री मूल्य – अधिग्रहण की इंडेक्स्ड लागत
कर देय = LTCG राशि पर 20%
हालांकि, आप आयकर अधिनियम की कुछ धाराओं के तहत कैपिटल गेन को फिर से निवेश करके टैक्स का भुगतान करने से बच सकते हैं।
कैपिटल गेन टैक्स बचाने के तरीके
1. दूसरी आवासीय प्रॉपर्टी में फिर से निवेश करें (धारा 54)
अगर आप 2 साल के भीतर दूसरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदते हैं या 3 साल के भीतर निर्माण करते हैं, तो आपको LTCG राशि पर छूट मिलती है। नई प्रॉपर्टी भारत में होनी चाहिए और कम से कम 3 साल तक रखी जानी चाहिए। यदि आप इसे 3 वर्ष से पहले बेचते हैं, तो छूट वापस ले ली जाती है।
2. कैपिटल गेन्स बॉन्ड में निवेश करें (धारा 54EC)
आप बिक्री के 6 महीने के भीतर NHAI या REC कैपिटल गेन्स बॉन्ड में 50 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इसकी लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है। ब्याज पर टैक्स लगता है, लेकिन पूंजीगत लाभ पर छूट मिलती है। यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जो कर बचत के साथ जोखिम-मुक्त निवेश चाहते हैं।
3. कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (CGAS) में डिपॉजिट
अगर आपने तय नहीं किया है कि कहां निवेश करना है, तो IT रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा से पहले LTCG को कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (CGAS) में जमा करें। इससे आपको प्रॉपर्टी खरीदने या घर बनाने का समय मिल जाता है। इस फंड का इस्तेमाल 3 साल के भीतर किया जाना चाहिए, नहीं तो यह कर योग्य हो जाएगा। यह उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है, जिन्हें रियल एस्टेट में निवेश करने से पहले समय चाहिए।
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अन्य निवेश विकल्प (लेकिन कोई टैक्स छूट नहीं)
यदि आप प्रॉपर्टी या बॉन्ड में पुन: निवेश नहीं करते हैं, तो LTCG राशि पर 20% कर लगेगा। हालांकि, आप बेहतर भविष्य के लिए शेष राशि को निम्न में निवेश कर सकते हैं:
म्यूचुअल फंड – लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए इक्विटी फंड
फिक्स्ड डिपॉजिट – सुरक्षित रिटर्न लेकिन पूरी तरह से कर योग्य
शेयर बाजार – हाई रिस्क, हाई रिटर्न क्षमता
ये विकल्प कर छूट प्रदान नहीं करते हैं, लेकिन धन बढ़ाने में मदद करते हैं।
इसका रखें ध्यान
यदि आप टैक्स-फ्री बेनिफिट चाहते हैं, तो प्रॉपर्टी या पूंजीगत लाभ बॉन्ड में पुन: निवेश करें।
यदि आप फंड को लॉक नहीं करना चाहते हैं, तो LTCG टैक्स का भुगतान करें और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करें।
यदि आपको निर्णय लेने के लिए समय चाहिए तो कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम का उपयोग करें।