IRDAI Circular For Life Insurance : अगर आप लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा लेने का प्लान बना रहे हैं या आपके पास जीवन बीमा है तो आपके लिए राहत की खबर है। इंश्योरेंस रेगुलेटर संस्था IRDAI ने बीमा से संबंधित नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें IRDAI ने बताया है कि कोई भी बीमा कंपनी अब लाइफ इंश्योरेंस पर लोन देने से मना नहीं कर सकती। साथ ही अगर आपको पॉलिसी पसंद नहीं आती है तो आप किसी भी समय पॉलिसी को रद्द कर सकते हैं। इस बारे में IRDAI ने एक सर्कुलर भी जारी किया है।
पॉलिसी होल्डर को जरूरत पर मिलेगा पैसा
लाइफ इंश्योरेंस कराने वाले वालों को कई बार पैसों की जरूरत पड़ जाती है। भारतीय जीवन बीमा निगम समेत कुछ कंपनियां जीवन बीमा पर लोन की सुविधा देती हैं। हालांकि लोन की रकम कितनी होगी, यह कुल जमा हुई प्रीमियम की रकम पर निर्भर करता है। काफी कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस पर लोन देने से मना कर देती हैं। लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगी। अगर कोई पॉलिसी होल्डर अपने जीवन बीमा पर लोन लेना चाहता है तो बीमा कंपनियों को उसे यह सुविधा देनी होगी।
फ्री-लुक पीरियड में भी किया बदलाव
IRDAI ने फ्री-लुक पीरियड में भी बदलाव किया है। IRDAI का कहना है कि ग्राहक को अधिकार है कि वह अपनी पॉलिसी का रिव्यू करे और पसंद न आने पर उसे रद्द कर सके। बीमा कंपनियां अभी तक इसके लिए 15 दिन का समय देती थीं। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 दिन कर दिया है। फ्री लुक पीरियड से मतलब है कि जब कोई शख्स किसी कंपनी से लाइफ इंश्योरेंस लेता है तो उसके पास इंश्योरेंस से जुड़े सारे नियमों और शर्तों को पढ़ने के लिए एक निश्चित समय होता है। इंश्योरेंस पसंद न आने पर वह उसे कंपनी को वापस कर सकता है। ऐसे में कंपनी ने इंश्योरेंस की जो भी रकम ली है, वह उसे वापस करनी होगी।
बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए निकाल सकेंगे रकम
अब आप बच्चों की हायर एजुकेशन, शादी आदि के लिए भी अपने बीमा में से रकम निकाल सकेंगे और इसके लिए भी बीमा कंपनियां मना नहीं कर सकेंगी। दरअसल, IRDAI ने अपने सर्कुलर में कहा है कि बीमा कंपनियों को ग्राहक की जरूरत पर आंशिक निकासी की सुविधा देनी होगी। इसमें बच्चों की पढ़ाई और शादी के अलावा घर खरीदने या बनवाने और इलाज के खर्च के लिए भी आंशिक निकासी की सुविधा मिलेगी। हालांकि इसमें भी कुछ शर्तें हैं:
- आंशिक निकासी की सुविधा लॉक-इन पीरियड के बाद ही मिल सकेगी।
- अगर पॉलिसी बच्चे के नाम है तो उसके बीमा से बच्चे की 18 साल उम्र से पहले आंशिक निकासी नहीं हो सकती।
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