Nippon Paint Holding Positive on India: आज का ‘युवा’ भारत पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है। जापान की दिग्गज कंपनी निप्पॉन पेंट भारत की युवा शक्ति को ध्यान में रखते हुए यहां अपनी मौजूदगी का विस्तार करने जा रही है। कंपनी की योजना भारत में निवेश बढ़ाने और फ्रेश हायरिंग शुरू करने की है। निप्पॉन पेंट होल्डिंग्स के को-प्रेसिडेंट और NIPSEA समूह के सीईओ वी स्यू किम (Wee Siew Kim) भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती से प्रभावित हैं। साथ ही उन्हें भारत के युवाओं की क्षमता पर भी पूरा भरोसा है।
भारत को लेकर पॉजिटिव
सीईओ वी स्यू किम ने TOI से बातचीत में उनका कहा कि एक तरफ जहां दूसरे देशों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। यानी वह तेजी से बूढ़े हो रहे हैं। वहीं, भारत अभी भी युवा है और तेजी से विकास कर रहा है। भारत की GDP तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। इसलिए, भारत के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है। हम पिछले लगभग 20 वर्षों से यहां हैं और मुझे यकीन है कि यहां विकास के लिए काफी स्कोप है। सरल शब्दों में कहूं तो हम भारत को लेकर बेहद पॉजिटिव हैं।
इन क्षेत्रों में है मौजूदगी
निप्पॉन पेंट ने 2006 में भारत में ऑपरेशंस शुरू किया था। वर्तमान में कंपनी ऑटो रिफिनिश, डेकोरेटिव, इंडस्ट्रियल और ऑटोमोटिव पेन्ट्स (बर्जर के साथ जॉइंट वेंचर) जैसे क्षेत्रों में मौजूद है। किम ने कहा कि हम सभी क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं, लेकिन डेकोरेटिव स्पेस में कुछ चुनौतियां भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी स्थानीय स्तर पर अपने विभिन्न डिवीजनों के लिए पेंट बनाती है और उनमें से बहुत से निर्यात भी किए जाते हैं। जैसे कि कॉइल कोटिंग को हमारे ऑटो रिफिनिश के साथ निर्यात किया जाता है। इस डिवीजन का नेतृत्व शरद मल्होत्रा कर रहे हैं। हमारे सभी ऑटो रिफिनिश बिजनेस मल्होत्रा को रिपोर्ट करते हैं और वे वैश्विक स्तर पर समूह के लिए दिशा निर्धारित करते हैं। इसलिए, यह एक भारतीय टीम है जो दुनिया भर में डिवीजन के कामकाज को देखती है।
भारतीय संभाल रहे कामकाज
उन्होंने आगे कहा कि कॉइल कोटिंग डिवीजन में भी यही स्थिति है। इसे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में निर्यात भी किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑटो रिफिनिश की तरह ही भारत में कॉइल कोटिंग का नेतृत्व करने वाला ही ग्लोबल बिजनेस का भी नेतृत्व करता है। वैश्विक स्तर पर, ऑटो रिफिनिश लगभग $250-$270 मिलियन का व्यवसाय है, जबकि कॉइल कोटिंग लगभग 180 मिलियन डॉलर का। यदि इसमें जापान को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा लगभग 300-400 मिलियन डॉलर पहुंच सकता है। हमारे ये बिजनेस भारतीय चला रहे हैं और ग्लोबल मार्केट के लिए दिशा निर्धारित करते हैं।
क्या भारत में आएगा IPO?
वी स्यू किम ने कहा कि निप्पॉन पेंट के भारत को लेकर बड़े प्लान हैं। कंपनी केवल ऑर्गनिक ग्रोथ ही नहीं चाहती, हम अधिग्रहण पर भी फोकस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों में निप्पॉन पेंट ने कुछ स्थानीय कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इनमें से एक कंपनी बदौलत निप्पॉन रेलवे सेगमेंट भी दाखिल हो पाई। किम ने कहा कि अब हमें तेजी से बढ़ते ऑटो रिफिनिश सेक्टर में कुछ अधिग्रहण की तलाश है। यदि ऐसा कर पाते हैं, तो पैन इंडिया के आधार पर अपनी स्थिति को मजबूत कर पाएंगे। भारत में निप्पॉन पेंट के आईपीओ के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी संभावनाएं खुली हुई हैं। किम ने कहा कि भारत के शेयर बाजार ने काफी शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में हम भी इसका हिस्सा बनने पर विचार करेंगे। निप्पॉन पेन्ट्स होल्डिंग्स टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट है।