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ITR Filing: 5 कारणों से बैंक अकाउंट में देरी से आ सकते हैं रिफंड के पैसे! जानिए

ITR Money Refund Delay Reasons: आईटीआर फाइल के कितने दिन बाद आते हैं बैंक खाते में रिफंड के पैसे? किन वजहों से रिफंड मनी के आने में होती है देरी? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Simran Singh | Updated: Jul 31, 2024 13:30
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ITR Money Refund Delay Reasons
आईटीआर फाइलिंग

ITR Money Refund Delay Reasons: इनकम टैक्स दाखिल करने की ड्यू डेट 31 जुलाई 2024 है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्होंने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो वो जल्द से जल्द इस काम को निपटा लें। इसके बाद करने पर आपको भुगतान करना होगा। दरअसल, ड्यू डेट (31 जुलाई) के निकल जाने के बाद 31 दिसंबर तक आईटीआर फाइल करने का मौका मिलता है लेकिन इस दौरान लेट फीस के भुगतान के साथ आईटीआर फाइल करना पड़ सकता है।

31 दिसंबर तक लेट फीस के साथ आप आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अगर आप उनमें से हैं जो पहले ही आईटीआर फाइल कर चुके हैं और अभी तक आपके बैंक खाते में रिफंड के पैसे नहीं आए हैं तो इसके कुछ कारण हो सकते हैं। आज हम आपको 5 कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिस वजह से बैंक खाते में रिफंड के पैसे आने में देरी हो सकती है।

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ITR Filing के कितने दिनों बाद मिलते हैं रिफंड के पैसे?

इनकम टैक्स विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2024 से आईटीआर फाइल का प्रोसेस शुरू कर दिया जाता है। आईटीआर फाइल करने के बाद 1 से 3 महीने के अंदर विभाग द्वारा रिफंड पैसों को बैंक खाते में भेज दिया जाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि विभाग 31 जुलाई को ही रिफंड के पैसों को बैंक खाते में दे। आपके द्वारा आईटीआर फाइल करने की तिथि से 3 महीने के अंदर रिफंड के पैसे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो सकते हैं।

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क्या हो सकती है वजह?

आईटीआर फाइल करने के बाद भी अगर बैंक खाते में रिफंड के पैसे आने में देरी हो रही है तो इसके पीछे की वजह कई हो सकती हैं। अगर आपका बैंक खाता पैन कार्ड से लिंक नहीं है तब भी आपके रिफंड के पैसे देर से आ सकते हैं। अगर आपने गलत बैंक खाता दे दिया है या फिर अकाउंट डिटेल से जुड़ी कोई गलती हो गई है तब भी खाते में रिफंड के पैसे आने में देरी हो सकती है। इसके लिए आपको विभाग से संपर्क करना होगा। आइए अन्य वजहों के बारे में जानते हैं।

आईटीआर का ई-वेरीफाई न होना

आईटीआर फाइल करने के दौरान वेरिफिकेशन प्रोसेस को अपनाना भी जरूरी होता है। अगर आपने ई-वेरीफाई प्रोसेस को पूरा नहीं किया है तो आपके खाते में रिफंड के पैसे नहीं आएंगे और वो देरी की वजह बन सकता है।

आईटीआर फाइल के दौरान सही जानकारी न देना

आईटीआर फाइल करते समय अगर आप किसी तरह की जानकारी को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर नाम और अन्य कोई जानकारी सही नहीं भरते हैं तब भी आपके बैंक अकाउंट में रिफंड के पैसे आने में देरी हो सकती है।

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विदेशी कर क्रेडिट 

अगर आपकी संपत्ति विदेश में भी है और विदेश टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए आपने फॉर्म 67 में सही जानकारी नहीं भरी है तो रिफंड के पैसे आने में देरी हो सकती है। बता दें कि फॉर्म 67 में विदेश से टैक्स क्रेडिट की जानकारी को समय सीमा से पहले दाखिल करना जरूरी होता है।

26AS या AIS में डिटेल्स का मैच होना जरूरी

26एएस या एआईएस में TDS कटौती की जानकारी अगर मैच नहीं करती है तो रिफंड के पैसे मिलने में देरी हो सकती है। इसलिए 26एएस या एआईएस और दिए गए दस्तावेजों की डिटेल्स का मैच होना जरूरी है।

बैंक खाते की गलत जानकारी 

गलत बैंक डिटेल्स देने से भी रिफंड के पैसों में देरी हो सकती है। टैक्सपेयर्स द्वारा गलत बैंक अकाउंट नंबर देने या किसी तरह की जानकारी विभाग को गलत देने पर बैंक खाते में रिफंड के पैसे देरी से आ सकते हैं।

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Edited By

Simran Singh

First published on: Jul 31, 2024 01:20 PM

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