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महंगाई का सितम! सरकार ने बढ़ा दी गैस की कीमतें; CNG, PNG वालों के लिए बुरी खबर, पड़ेगा जेब पर दबाव

नई दिल्ली: महंगाई एक बार फिर लोगों की कमर तोड़ती नजर आ रही है। त्योहारों का सीजन है, जहां लोग अपने जीवन में खुशियां भरने की तलाश में हैं। वहीं, सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतों में रिकॉर्ड 40 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए जनता को एक और झटका दे दिया है। गैस के दामों […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Oct 1, 2022 16:08
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सीएनजी स्टेशन की प्रतीकात्मक फोटो
सीएनजी स्टेशन की प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: महंगाई एक बार फिर लोगों की कमर तोड़ती नजर आ रही है। त्योहारों का सीजन है, जहां लोग अपने जीवन में खुशियां भरने की तलाश में हैं। वहीं, सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतों में रिकॉर्ड 40 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए जनता को एक और झटका दे दिया है। गैस के दामों में वृद्धि के बाद ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि जल्द ही CNG, PNG के दाम भी बढ़ेंगे। देश के सबसे बड़े त्योहार दीपावली सहित अन्य फेस्टिवल नजदीक हैं और ऐसे में महंगाई की एक और मार ने जनता की उम्मीदों पर भी चोट पहुंचाई है।

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एक अक्टूबर से आम आदमी के जेब पर अधिक प्रभाव इसलिए भी पड़ेगा, क्योंकि बीते दिन ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करके इसे 5.40 प्रतिशत से बढ़कर 5.90 फीसदी तक कर दिया। आइए देखते हैं कि कैसे CNG, PNG वालों को आने वाले समय अधिक कीमत देकर गैस लेनी पड़ेगी। इससे आम जनता की जेब पर निश्चित की दबाव पड़ेगा।

प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ने से कैसे cng के दाम होंगे प्रभावित

पहले समझे कि जो प्राकृतिक गैस है उसका उपयोग बिजली पैदा करने, उर्वरक बनाने और ऑटो सेक्टर के काम आने के लिए सीएनजी में परिवर्तित किया जाता है। अब शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा दरों में मजबूती के साथ ही रिकॉर्ड स्तर पर इसमें 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई।

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गैस उर्वरक बनाने के साथ-साथ बिजली पैदा करने के लिए एक इनपुट है। इसे सीएनजी में भी परिवर्तित किया जाता है और खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई में भी लिया जाता है। ऐसी संभावना है कि कीमतों में भारी वृद्धि सीएनजी और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के भी दाम बढ़ाएगी। बता दें कि पिछले एक साल में इनके दाम 70 प्रतिशत से अधिक तक बढ़े हैं।

सरकार हर छह महीने में 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को गैस की कीमत तय करती है, जो कि अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों के आधार पर होती है। इसलिए, 1 अक्टूबर से 31 मार्च की कीमत जुलाई 2021 से जून 2022 तक की औसत कीमत पर आधारित है।

मुद्रास्फीति और बढ़ेगी

उच्च गैस की कीमतें संभावित रूप से मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकती हैं। वैसे ही rbi के जोन के तहत ये पिछले आठ महीनों से काफी बढ़ी हुई है। सरकार ने मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है।

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तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPSC) की तरफ से बताया गया कि पुराने गैस क्षेत्रों से गैस के लिए प्रोडक्शन के लिए भुगतान की जाने वाली रकम मौजूदा समय में 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति MBTU कर दिया गया है। अब नए आदेश के बाद देश में उत्पादित गैस के लगभग दो तिहाई हिस्से में बढ़ी हुई दरों पर बिक्री होगी।

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Written By

Nitin Arora

First published on: Oct 01, 2022 12:04 PM

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