India Foreign Exchange Reserves Rise : लोकसभा चुनाव के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ गया है। यह अब तक के अपने शीर्ष पर है। हालांकि इस दौरान रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले कम रही। एक डॉलर रुपये के मुकाबले 83.56 रुपये हो गया है। रिजर्व बैंक की ओर से जारी डेटा के मुताबिक यह 655.8 अरब डॉलर (करीब 54.80 लाख करोड़ रुपये) हो गया है। यह डेटा 7 जून को खत्म हुए सप्ताह तक का है। पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 651.51 अरब डॉलर (करीब 54.43 लाख करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंच गया था।
लगातार बढ़ रहा भंडार
विदेशी मुद्रा का भंडार पिछले कुछ सप्ताह से लगातार बढ़ रहा है। 10 मई को यह 648.87 अरब डॉलर (करीब 54.21 लाख करोड़ रुपये) था। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक 7 जून को खत्म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) 3.77 अरब डॉलर (करीब 32.50 हजार करोड़ रुपये) बढ़कर 576.34 अरब डॉलर (करीब 48.15 लाख करोड़ रुपये) हो गई हैं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
सोने का भी भंडार बढ़ा
विदेशी मुद्रा के साथ सोने के भंडार में भी वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक के मुताबिक सोने के रिजर्व भंडार का मूल्य 48.1 करोड़ डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपये) बढ़कर करीब 57 अरब डॉलर (करीब 4.76 लाख करोड़ रुपये) हो गया है। वहीं विशेष आहरण अधिकार (SDR) 4.3 करोड़ डॉलर (करीब 360 करोड़ रुपये) बढ़कर 18.16 अरब डॉलर (करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये) हो गया। यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास भारत की आरक्षित जमा भी एक करोड़ डॉलर (करीब 83.55 करोड़ रुपये) बढ़कर 4.33 अरब डॉलर (करीब 36.18 हजार करोड़ रुपये) हो गई है।
आयात में भी हुई बढ़ोरी
दुनिया के कई देशों से भी मई में आयात में वृद्धि हुई है। इराक से भारत का आयात मई में 58.68 प्रतिशत बढ़कर 3.76 अरब डॉलर हो गया। वहीं यूएई से आयात इस महीने लगभग 50 प्रतिशत बढ़ा है। रूस से आयात मई में 18 प्रतिशत बढ़कर 7.1 अरब डॉलर हो गया है। तेल आयात के कारण यह वृद्धि हुई है। मई में चीन से आयात 2.82 प्रतिशत बढ़कर 8.48 अरब डॉलर हो गया। वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड, जापान, जर्मनी, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया से आयात मई में घट गया।
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